वाराणसी,। वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि(बुद्ध पूर्णिमा) पर गुरुवार को
धर्म नगरी काशी में हजारों श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा में आस्था की डूबकी
लगाई। स्नान ध्यान के बाद लोगों ने दानपुण्य किया।
बुद्ध
पूर्णिमा पर अलसुबह से ही श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए दशाश्वमेध सहित
प्रमुख घाटों पर पहुंचने लगे। गंगाघाटों पर स्नान का सिलसिला दिन चढ़ने तक
चलता रहा। बदली भरी धूप और हवाओं से गंगा स्नान के लिए आए श्रद्धालुओं को
भी राहत रही। गंगा में स्नानार्थियों की भीड़ देख जल पुलिस के साथ एनडीआरएफ
के जवान भी विशेष नौका से गंगा में चक्रमण करते रहे।
दशाश्वमेध,राजेन्द्र
प्रसाद,अहिल्याबाई,पंचगंगा,महिषासुर,अस्सीघाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ गंगा
स्नान के लिए जुटी रही। गंगा स्नान के बाद मंदिरों में दर्शन पूजन के लिए
लोग पहुंचते रहे। बुद्ध पूर्णिमा पर सारनाथ स्थित मूलगंध कुटी विहार मंदिर
में भगवान बुद्ध की पवित्र अस्थियों के दर्शन के लिए भारी भीड़ जुटी रही।
अस्थि अवशेष का दर्शन सुबह का सिलसिला सुबह छह बजे से ही शुरू हो गया।
गौरतलब हो कि वैशाख माह के पूर्णिमा तिथि की सनातन हिन्दू धर्म में खास
महत्व है। पूर्णिमा तिथि भगवान विष्णु और महालक्ष्मी को समर्पित है। वैशाख
महीने की पूर्णिमा के दिन ही भगवान बुद्ध का भी जन्म हुआ था। साथ ही,भगवान
बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति भी इसी दिन हुई। और उनका निर्वाण भी इसी दिन
हुआ था।