
खेल रत्न की हकदार हो गयी है मिताली
नयी दिल्ली (वार्ता): भारत को अपनी कप्तानी में दूसरी बार महिला विश्वकप क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल...
नयी दिल्ली (वार्ता): भारत को अपनी कप्तानी में दूसरी बार महिला विश्वकप क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल में ले जाने वाली मिताली राज अपनी इस शानदार उपलब्धि और टूर्नामेंट में रिकार्डतोड़ प्रदर्शन की बदौलत देश के सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न की हकदार बन गयी हैं। मिताली 22 साल की उम्र में 2005 में अपनी कप्तानी में भारत को महिला विश्वकप के फाइनल तक ले गयी थीं। इसके 12 वर्ष बाद मिताली 35 वर्ष की उम्र में भारत को 2017 में महिला विश्वकप के फाइनल में ले गयीं। भारतीय क्रिकेट इतिहास में वह एकमात्र ऐसी कप्तान (पुरूष या महिला) हैं जो अपनी कप्तानी में टीम को दो बार विश्वकप फाइनल में ले गयी हैं। कपिल देव 1983 में भारत को फाइनल में ले जाकर विश्व विजेता बना लाये थे। सौरभ गांगुली 2003 में भारत को विश्वकप फाइनल तक ले गये थे जबकि महेंद्र सिंह धौनी ने 2011 में भारत को विश्व चैंपियन बनाया था। मिताली ही एकमात्र ऐसी खिलाड़ी हैं जो अपनी कप्तानी में टीम को दो बार विश्वकप फाइनल तक ले गयीं। हालांकि पहली बार आस्ट्रेलिया ने और दूसरी बार इंग्लैंड ने उनका विश्व चैंपियन बनने का सपना तोड़ दिया। मिताली का यह आखिरी विश्वकप भी था। उन्होंने साफतौर पर कह दिया है कि वह एक दो वर्ष और खेलेंगी और 2021 विश्वकप में निश्चित ही टीम के साथ नहीं होंगी। मिताली के लिये इस विश्वकप में चैंपियन न बन पाना थोड़े दुख का विषय रहेगा लेकिन उनकी कप्तानी में जिस तरह टीम ने शानदार प्रदर्शन किया उसने रातोंरात महिला क्रिकेट को बुलंदियों पर पहुंचा दिया। जो लोग महिला क्रिकेट को पहले कभी देखते नहीं थे या उनपर चर्चा तक नहीं करते थे उन्हें भी यह ध्यान देने के लिये मजबूर होना पड़ गया कि महिला क्रिकेट टीम में वाकई यादगार प्रदर्शन किया। भारतीय टीम 2005 में भी फाइनल में पहुंची थी लेकिन तब उसपर इतनी चर्चा नहीं हुई थी जितनी इस बार हुई है। इस विश्वकप में भारतीय महिला क्रिकेट का पूरा परिदृश्य ही बदल डाला। इसका श्रेय यदि किसी को जाता है तो वह सिर्फ कप्तान मिताली हैं जिन्होंने न केवल खुद शानदार प्रदर्शन किया बल्कि अपनी सभी युवा साथियों को भी बेहतर प्रदर्शन करने के लिये प्रेरित किया। इस टूर्नामेंट में मिताली ने ऐसे रिकार्ड बना डाले जो पहले महिला क्रिकेट में सुने नहीं गये थे। उन्होंने टूर्नामेंट के दौरान अपने करियर के 6000 रन पूरे किये और यह उपलब्धि हासिल करने वाली वह दुनिया की पहली महिला बल्लेबाज बन गयीं। मिताली ने इसके साथ ही लगातार सात अर्धशतक बनाने का नया विश्व रिकार्ड भी कायम किया।