
रंजीत खलखो की शहादत को इलाके ने किया नमन, परिवार ने कहा बेटे पर गर्व
| | 2018-03-24T11:48:10+05:30
संवाददातमांडर : कश्मीर के कुपवाड़ा जिले मे आतंकियों के साथ लोहा लेते हुए शहीद हुए सेना के जवान...
संवाददात
मांडर : कश्मीर के कुपवाड़ा जिले मे आतंकियों के साथ लोहा लेते हुए शहीद हुए सेना के जवान रंजीत खलखो को अंतिम विदाई देने के लिए शुक्रवार को उसके पैतृक गांव बुढ़ाखुखरा में भारी भीड़ उमड़ी। सेना के मातमी धुन के बीच सैनिक सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार में मौजूद हर किसी की आंखें नम थी। इस दौरान क्षेत्र जब तक सूरज चांद रहेगा, रंजीत तेरा नाम रहेगा, शहीद रंजीत खलखो अमर रहे व भारत माता की जय के नारों से गूंजता रहा।
शिव-दुर्गा मंदिर में भजन को रोक गाये देशभक्ति के गीत
माहौल तब और देश भक्तिमय हो गया जब शहीद का पार्थिव शरीर आने की सूचना पर पास ही स्थित शिव-दुर्गा मंदिर में पहले से बजाए जा रहे भजन को रोककर वहां से देशभक्ति का गीत 'अए मेरे वतन के लोगो जरा आंख में भर लो पानी, जो शहीद हुए हैं उनकी जरा याद करो कुर्बानी, बजाया जाने लगा। बाद में बाइक व अन्य वाहनों के साथ जुलूस के शक्ल मे पार्थिव शरीर को बुढ़ाखुखरा पैतृक आवास पहुंचाया गया।
पूरे गांव को अपने लाल की शहादत पर गर्व
बुढ़ाखुखरा गांव के लोगों ने शुक्रवार को अपने गांव के वीर सपूत रंजीत खलखो की शहादत को दिल से सलाम किया। गावं के चौक मे अधिकांश दुकाने बंद रही। गावं के हर वर्ग के लोग शहीद रंजीत खलखो के अंतिम दर्शन व विदाई के लिए उसके घर पर उमड़े रहे।
ग्रामीणों का कहना था कि पहली बार मरणोपरांत राष्ट्रपति पदक से सम्मानित शहीद एतवा उरांव ने 1996 मे अपनी जान देकर कोयल नदी में डूब रहे आठ लोगों की जिंदगी बचाकर बुढ़ाखुखरा का मान बढ़ाया था और अब यहां के दूसरे बेटे रंजीत खलखो ने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देकर गांव को एक नया मुकाम दिया है। अब बुढ़ा खुखरा को गर्व है कि उसके एक बेटे ने लोगों की जान व दूसरे ने देश को बचाने के लिए अपनी शहादत दी है।
शहीद की पत्नी को सौंपा गया दस लाख का चेक
अंतिम संस्कार के बाद स्थानीय विधायक गंगोत्री कुजूर व एडीएम लॉ एंड ऑर्डर अखलेश कुमार सिन्हा ने झारखंड सरकार की ओर से शहीद की मां रोलेन खलखो को 10 लाख का चेक सौंपा।
रंजीत खलखो के शहीद होने की सूचना मिलने के झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सरकार की ओर से परिजनों को दस लाख रुपया देने की घोषणा की थी। इस दौरान बिहार रेजिमेंट के जवानों ने भी अपनी ओर से उन्हे डेढ़ लाख रुपये की नगद राशि प्रदान की। अंतिम संस्कार में शामिल हुए सैनिक कल्याण बोर्ड के निदेशक पी के सिंह ने कहा कि बोर्ड की ओर से भी शहीद के परिजनों को शीघ्र ही 2 लाख की सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
भाई के लिए नौकरी की मांग
शहीद रंजीत खलखो की छोटी बहन परिवा खलखो ने सरकार से अपने लिए सेना में नौकरी की मांग की है। उसका कहना है कि उसे पाकिस्तान से अपने भाई का बदला लेना है। इसलिए उसे सेना मे नौकरी चाहिए। परिवा खलखो ने इस दौरान पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे भी लगाए और कहा कि सरकार को अपने सैनिकों के बलिदान को व्यर्थ नही जाने देना चाहिए। पाकिस्तान से जैसे भी हो इसका बदला लेना चाहिए।
देश को कुर्बान हुए, सभी देशवासी परिवार के साथ : डीसी
रांची : उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी रांची राय महिमापत रे के प्रतिनिधित्व में अपर जिला दंडाधिकारी रांची एवं मांडर विधायक गंगोत्री कुजूर द्वारा शहीद रंजीत खलखो की मां श्रीमती रोलेन खलखो को राज्य सरकार की ओर से 10 लाख रूपये का चेक प्रदान किया गया। विदित हो की कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में बुधवार को आतंकियों से हुई मुठभेड़ में झारख्ंाड के लाल रंजीत खलखो शहीद हो गए। शहीद रंजीत मांडर के बुढाखुखरा निवासी थे। उपायुक्त ने कहा कि वे देश के लिए कुर्बान हुए इस दुखद घटना में सभी देशवासी उनके परिवार के साथ हैं।
अंतिम विदाई में ये हुए शामिल
विधायक गंगोत्री कुजूर, प्रमुख अनिता देवी, जिपस हेमलता उरांव, सीओ शंकर कुमार विद्यार्थी, बीडीओ विष्णुदेव कच्छप, डीएसपी परुषोत्तम कुमार सिंह, थाना प्रभारी रामनारायण सिंह, राजेन्द्र खलखो, पितरूस खलखो, जेवियर खलखो, लड्डू खलखो, परवतिया तिग्गा, सुनील तिग्गा, मन्ना मिंज, प्रखंड 20 सूत्री अध्यक्ष राम बालक ठाकुर, मंडल भाजपा अध्यक्ष मुकेश प्रसाद, मुखिया सोहंती एक्का, तुलसी उरांव, मुकेश खलखो, पंसस आशा सरिता एक्का, मुस्लिम अंसारी, मो रशीद, शिवनाथ तिग्गा, जमील अख्तर शामिल थे।
हाथों में तिरंगा लिए इंतजार में खड़े रहे ग्रामीण
मांडर : शहीद रंजीत खलखो के पार्थिव शरीर के इंतजार मे शुक्रवार की सुबह करीब 7 बजे से ही मांडर थाना के निकट सड़क के दोनों ओर मध्य विद्यालय मांडर के शिक्षकों व स्कूली बच्चों सहित काफी संख्या में जनप्रतिनिधि व ग्रामीण तिरंगा लिए मौजूद थे। काफी इंतजार के बाद करीब साढ़े आठ बजे सेना के वाहन में शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचा। लोगों ने उनके सम्मान मे नारे लगाए और वाहन में पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।