
विश्व बिरादरी म्यांमार में नरसंहार रोकने के लिए उठाए कठोर कदम : एदारा-ए-शरिया
रांची : म्यंमार में रोहिंग्या मुसलमानांे के किये जा रहे नरसंहार के विरोध में दरगाह हजरत कुतुबुद्दीन...
रांची : म्यंमार में रोहिंग्या मुसलमानांे के किये जा रहे नरसंहार के विरोध में दरगाह हजरत कुतुबुद्दीन रेसालदार बाबा परिसर में सामूहिक दुआ और विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया। एदारा-ए-शरिया झारखंड द्वारा आयोजित सामूहिक दुआ कार्यक्रम के दौरान एक निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप मंे पूर्व बिहार के एमएलसी सह एदारा-ए-शरिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना गुलाम रसूल बलयावी ने कहा कि म्यंमार में रोहिंग्या मुसलमानों का नरसंहार किया जा रहा है और मानवता शर्मशार हो रही है। इस मामले पर मानव अधिकार से जुड़ी वैश्विक समुदायों की चुप्पी बहुत आश्चर्यजनक व चिंताजनक है। मौलाना ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र, इस्लामी देशों के संगठन और भारत की केंद्र सरकार म्यंमार के बुद्धिष्ठों और म्यंमार सरकार के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए तुरंत मुसलमानों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों को रोकने की पहल करें। उन्होंने हाल के दिनों में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे म्यांमार का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे देश की यह शान और प्रतीक रही है कि दुनिया के जिस कोने में मानवता सिसकती हो और निर्दोषों की हत्याएं किए जा रहे हों तो वहाँ पर हमारा देश मजलूमों की मदद के लिए हमेशा खड़ा रहा है। लेकिन हैरानी की बात है कि प्रधानमंत्री ने म्यांमार के दौरे के बीच इस ओर कोई कदम नहीं उठाया। सामूहिक दुआ की मजलिस में म्यंमार के पीड़ित मुसलमानों के अमन-व-अमान की खातिर और शहीद हुए बच्चों, महिलाओं, युवाओं, पुरुषों, बुजूर्ग और सभी मुस्लिम शहीदों की आत्मा की शांति के लिए लम्बी दुआ की गई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में विद्वानों और दर्जनों संगठनों के प्रतिनिधि अपने-अपने हाथों में तख्तियां लिए हुए थे। इन तख्तियों में स्टॉप किलिंग ऑफ मुस्लिम इन म्यंमार, संयुक्त राष्ट्र त्वरित कार्रवाई करे, बांग्लादेश और भारत सरकार पीड़ित मुसलमानों की मदद करे। विरोध करने वाले म्यंमार सेना के अत्याचारों वाले चित्रों के साथ प्रदर्शन कर रहे थे। इस मौके पर मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी ने कहा कि तीन लाख से अधिक असहाय व बेबश मुस्लिम किसी तरह जान बचाकर बांग्लादेश में शरणार्थी बनने को मजबूर हुए हैं। मजलिस के अंत में एक ज्ञापन भारत में म्यांमार की एंबेसी को एदारा-ए-शरिया झारखंड सहित राज्य के 65 संगठनों के जिम्मेदारों के संयुक्त हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन ई-मेल और रांची डीसी के माध्यम से भेजा गया। आज की बैठक में मौलाना जसीम उद्दीन खान, मौलाना डॉक्टर ताजुद्दीन, मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी, मोहम्मद सईद, हाजी अब्दुल रऊफ गद्दी, कारी मुहम्मद अय्यूब, हाफिज इसराइल तेगी मौलाना मंजूर हसन, मौलाना शमीम अख्तर, मुफ्ती फैजउल्लाह मिसबाही, मौलाना निजामुद्दीन मिसबाही, हाजी सईद कौसर सिद्दीकी, सैयद खुर्शीद अख्तर, बाबर कुरैशी, फिरोज खलीफा, मजहर अली सिद्दीकी, पप्पू गद्दी, अतीक उर रहमान, मौलाना अमीर हसन, मौलाना मोहम्मद साबिर, मौलाना शमशाद मिसबाही, मौलाना नूर आलम, मौलाना कलीमुद्दीन, मौलाना फरीद आलम, मौलाना कमरूद्दीन, असलम पारशद, संजीव पारशद, शकील हबीब, मोहम्मद नौशाद, मोहम्मद इकबाल, मोहम्मद इस्माइल, मोहम्मद खुर्शीद, मौलाना महफूज आलम, मौलाना कारी शमशेरउल्लाह, मुईज अख्तर, नईम खान, हाफिज ताहिर, मोहम्मद रिजवान, मौलाना नसीम, कारी वसीम रजा और अन्य लोग शरीक थे।