
बडे़ काम में कभी बाधक नहीं बना सुधा का छोटा कद
| | 2018-04-07T11:32:16+05:30
राजू यादवटाटीझरिया: इंसान अपने जीवन में ऊँचाईयों के शिखर को छूना चाहता है। लेकिन उस इंसान के लिये...
राजू यादव
टाटीझरिया: इंसान अपने जीवन में ऊँचाईयों के शिखर को छूना चाहता है। लेकिन उस इंसान के लिये मुसीबत तब और भी बढ़ जाती है, जब उसका सही तरीके से शारीरिक विकास न हुआ हो। हैरानी तो तब होती है जब इंसान उन कमियों के साथ दुनिया में एक मुकाम हासिल करता है। इंसान के जीवन में सफलता और प्यार पाने के लिये उसका कद कोई मायने नहीं रखता।
टाटीझरिया प्रखंड और पंचायत अंतर्गत होलंग की सुधा क्षेत्र में आज न सिर्फ अपनी एक विशेष पहचान बनाई है जबकि आज वैसे हजारों लोगों की प्रेरणा बनी हुई है जो अपनी कदकाठी को लेकर रोना रोते रहते हैं। सुरीली आवाज की धनी, लगभग साढे तीन फीट कद की, हमेशा प्रसन्नचित्त रहने वाली सुधा आज कोई परिचय की मोहताज नहीं है। अपनें चार भाईयों एवं तीन बहनों में सबसे छोटी सुधा होलंग हाई स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा के बाद मार्खम कॉलेज से समाजशास्त्र में स्नातक है। सुधा का बचपन से ही गीत, संगीत, कविता, शेरोशायरी से विशेष लगाव रहा है। यही लगाव से सुधा नें अपनी जिंदगी की उडान भरी है। बताते चलें कि आज सुधा दर्जनों एल्बम में अपना आवाज दे चुकी है। टाटीझरिया दूधमटिया पर्यावरण मेला का थीम सांग भी सुधा के द्वारा ही गाया गया है। उसके द्वारा लिखे और गाये गये गीत कैसे बचतए परणवां, बनवा उजडल जाला समेत कई गीतों की प्रस्तुति ग्रामीणों के दिलोदिमाग में छाया हुआ है। सुधा पर्यावरणविद महादेव महतो एवं सुरेंद्र प्रसाद सिंह के साथ घूम-घूमकर पर्यावरण के गीत गाती है। ये रेडियो की भी शौकीन है। हमेशा हजारीबाग रेडियो स्टेशन एवं विविध भारती में गीतों के लिए फरमाईश करते रहती है।
इसके अलावा भक्ति जागरण, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी सुधा अपनी सुरीली गीतों से लोगों को मुग्ध करते रहती है। जिससे क्षेत्र में इसकी एक विशेष पहचान है। इसी वर्ष 25 जनवरी को सुधा मनीष रंजन के साथ दांपत्य जीवन में बंधी है। वो बताती हैं कि अपनी जिंदगी से वो बहुत खुश है और उनके पति उनसे बेहद प्यार करते हैं। इसके अलावा होलंग चौक पर सुधा जनवितरण प्रणाली एवं फल की दुकान भी चलाती है।
कई पुरस्कार जीत चुकी है सुधा
अपने आवाज और काबिलियत के दम पर आज सुधा को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। वर्ष 2017 में बोकारो में आयोजित राज्यस्तरीय रफीक की यादें कार्यक्रम में सुधा को पुरस्कृत किया गया है। इसके अलावा 5 जून 2017 को पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य पर हजारीबाग रेडियो स्टेशन में वंदना श्रीवास्तव एवं डीएवी के प्राचार्य द्वारा सुधा को पर्यावरण संरक्षण पर गीतों के लिऐ सम्मानित किया गया था। हर वर्ष 7 अक्टूबर को दूधमटिया पर्यावरण मेला में अपने गीतों से कार्यक्रम को संचालन करने के लिऐ कई बार सुधा को सम्मानित किया गया है।