Latest News
- पंचायत चुनाव: प. बंगाल में भाजपा को सुप्रीम कोर्ट से झटका
- राहुल के 'मिथ्याग्रह' का राजघाट पर हुआ पर्दाफाश : भाजपा
- कांग्रेस का देशभर में अनशन शुरू
- भाजपा ने डाली कांग्रेस नेताओं की रेस्त्रां की फोटो
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीजापुर दौरे के पहले नक्सलियों ने किए सीरियल ब्लास्ट
- जीतू को स्वर्ण, मेहुली-अपूर्वी ने भी जीते पदक
- भारत के दो विकेटकीपर बल्लेबाज़ों की होगी भिड़ंत
- चारा घोटाले मामले में 37 दोषी करार, पांच बरी
- कातिल की गिरफ्तारी को लेकर मारवाड़ी कॉलेज के छात्र छात्राओं ने किया सड़क जाम
- मुख्यमंत्री स्टार प्रचारकों की लिस्ट में
एक्ट के खिलाफ नहीं, निर्दोष को बचाना जरूरी
| | 4 April 2018 5:39 AM GMT
नई दिल्ली (एजेंसी): एससी-एसटी एक्ट से जुड़े फैसले की पुनर्विचार याचिका पर केंद्र सरकार को सुप्रीम...
नई दिल्ली (एजेंसी): एससी-एसटी एक्ट से जुड़े फैसले की पुनर्विचार याचिका पर केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अपने फैसले पर स्टे देने से इनकार कर दिया है। शीर्ष अदालत ने सभी पक्षों को इस मसले पर तीन दिन के भीतर जवाब देने का आदेश देते हुए 10 दिन बाद अगली सुनवाई की बात कही है। शीर्ष अदालत ने कहा कि हमने ऐक्ट को कमजोर नहीं किया है बल्कि गिरफ्तारी और सीआरपीसी के प्रावधान को परिभाषित किया है। शीर्ष अदालत ने तत्काल गिरफ्तारी के प्रावधान को लेकर कहा कि हमारा मकसद निर्दोष लोगों को फंसाने से बचाना है। निर्दोषों के मौलिक अधिकारों की रक्षा होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की खुली अदालत में सुनवाई करते हुए कहा है कि एससी-एसटी ऐक्ट के प्रॉविजन से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने कहा है कि वह इस ऐक्ट के खिलाफ नहीं है, लेकिन निर्दोषों को सजा नहीं मिलनी चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा कि कोर्ट से बाहर क्या हो रहा है, उससे उन्हें लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारा काम कानूनी बिंदुओं पर बात करना और संविधान के तहत कानून का आकलन करना है। कोर्ट ने कहा कि एससी-एसटी ऐक्ट में पीड़ित को मुआवाजा देने में देरी नहीं होगी। उसके लिए एफआईआर के इंतजार की जरूरत नहीं है। केंद्र सरकार की ओर से बार-बार 20 मार्च के फैसले पर स्टे लगाने के आदेश को कोर्ट ने ठुकरा दिया। यही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शनकारियों पर तंज कसते हुए कहा है कि जो लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं उन्होंने हमारा जजमेंट पढ़ा भी नहीं है। हमें उन निर्दोष लोगों की चिंता है जो जेलों में बंद हैं। आपको बता दें कि एससी-एसटी ऐक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के संदर्भ में केंद्र सरकार ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। सरकार ने इस फैसले के खिलाफ आयोजित भारत बंद में हुई हिंसा का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट से स्टे की दरख्वास्त की थी।
रांची
- चारा घोटाले मामले में 37 दोषी करार, पांच बरी9 April 2018 7:47 AM GMT
- कातिल की गिरफ्तारी को लेकर मारवाड़ी कॉलेज के छात्र छात्राओं ने किया सड़क जाम9 April 2018 7:34 AM GMT
- झामुमो ने आचार संहिता के उल्लंघन का लगाया आरोप,आयोग से कार्रवाई की मांग9 April 2018 6:30 AM GMT
- मारवाड़ी कॉलेज की गायब छात्रा का जला हुआ शव कैरो से बरामद9 April 2018 6:23 AM GMT
- मेयर व डिप्टी मेयर पद के कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए दम-खम लगा रहीं महिला समर्थक9 April 2018 6:13 AM GMT