
एनआईटी की रैंकिंग में भारी गिरावट से केन्द्र नाराज, एनआईटी का स्तर बढ़ाने की कवायद
| | 2017-06-09T11:45:14+05:30
पूरन चन्द्ररांची : केन्द्र सरकार देश के एनआईटी संस्थानों के प्रदर्शन से नाखुश है। यही वजह है कि...
पूरन चन्द्र
रांची : केन्द्र सरकार देश के एनआईटी संस्थानों के प्रदर्शन से नाखुश है। यही वजह है कि केन्द्र सरकार ने एनआईटी संस्थानों से रिक्तियां भरने, बेहतर प्लेसमेंट करने एवं अनुसंधान पेटेंट करने को कहा है। केन्द्र सरकार की देश के एनआईटी से नाराजगी का कारण उसकी रैंकिंग में भारी गिरावट बताया जाता है। देश के सौ संस्थानों में एनआईटी के चार संस्थान ही रैंकिंग में जगह बना सके हैं।
एनआईटी का प्रदर्शन 2017 में निराशाजनक रहा है। अब इनसे कहा गया है कि वे समन्वय बनाकर काम करें एवं एनआईटी की प्रतिष्ठा को आगे बढाएं।
बताया जाता है कि देश के 31 एनआईटी में से 5-6 को छोड़कर अन्य का निराशाजनक प्रदर्शन रहा है। रैंकिंग एवं प्लेसमेंट के मामले में एनआईटी ने निराश किया है। इस तरह निराशाजनक प्रदर्शन का अर्थ है कि एनआईटी में शिक्षा का स्तर काफी गिरा है।
देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में आईआईटी के बाद एनआईटी का ही नाम आता है लेकिन इसे अपना प्रदर्शन सुधारने की जरुरत है।
एनआईटी काउंसिल ने भी एनआईटी के प्रदर्शन पर चिंता व्यक्त की है। 2017 में 2016 की अपेक्षा ज्यादा खराब प्रदर्शन हुआ है। एनआईटी काउंसिल ने सभी एनआईटी से कहा है कि वे विज्ञापन प्रकाशित कर संकायों की नियुक्ति करें।
एनआईटी का इसी तरह का प्रदर्शन रहा तो छात्रों में इसमें नामंकन लेने की अभिरुचि घटेगी। झारखंड के जमशेदपुर में रिजनरल इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी को एनआईटी बनाया गया। आरआईटी का प्रर्दशन शानदार होता था। लेकिन एनआईटी बनने के बाद इसकी साख कम हुई है। आईआईटी के बाद एनआईटी की ही प्रतिष्ठा रहती है और बड़ी संख्या में इसमें छात्र नामांकन कराते हैं। एनआईटी में संकायों के पद खाली रहने के कारण पढ़ाई पर असर पड़ता है।