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अधिकांश निजी स्कूलों में स्मार्ट क्लास की सुविधा
| | 21 March 2018 6:42 AM GMT
बुलन्द अख्तर रांची : आधुनिक तकनीकों का प्रभाव हर क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। फिर चाहे वित्तिय...
बुलन्द अख्तर
रांची : आधुनिक तकनीकों का प्रभाव हर क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। फिर चाहे वित्तिय सुविधाएं हो या शिक्षा। हर क्षेत्र में आधुनिकीकरण का प्रभाव देखा जा रहा है। वर्तमान शिक्षा प्रणाली में इन तकनीकों का भरपूर प्रयोग किया जा रहा है। तभी तो स्मार्ट क्लास को बढ़ावा दिया जा रहा है। राजधानी रांची के अधिकांश स्कूलों में वर्तमान समय में स्मार्ट क्लास के माध्यम से विद्यार्थियों को शिक्षा दी जा रही है। विशेषकर निजी स्कूलों में इसका प्रभाव विशेष रुप से देखा जा रहा है। देश दुनिया की तर्ज पर आधुनिकीकरण को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राज्य में भी स्मार्ट क्लास को प्रोत्साहित किया गया। जिससे विद्यार्थियों को खिसे पीटे पाठ्यक्रमों से हट कर बहुत कुछ सीखने को मिलता है। राजधानी के अधिकांश निजी स्कूलो ंमें शिक्षा स्मार्ट क्लास के माध्यम से दी जाती है। जिसमें कंप्यूटर, डीवीडी या ऑनलाइन माध्यम से प्रोजेक्टर के जरिये विद्यार्थियों को शिक्षा दी जाती है। पिछले दो सालों के भीतर राजधानी के अधिकांश विद्यालयों में इसके बढ़ते प्रभाव को देखा जा रहा है। वहीं विगत साल तत्कालीन शिक्षा सचिव श्रीमती आराधना पटनायक ने भी जिला स्कूल को गोद लिया। शिक्षकों ने जानकारी दी कि स्मार्ट क्लास के सही संचालन के लिये कई बार शिक्षकों को भी पर्याप्त प्रशिक्षित होने की आवश्यकता है। इसके लिये तकनीकि ज्ञान की आवश्यकता है। राजधानी में सर्वप्रथम लॉरेटो कांवेंट स्कूल में स्मार्ट क्लास की शुरूआत की गयी। जिसके बाद विभिन्न निजी स्कूलों जिनमें संत जेवियर, ऑक्सफोर्ड, सफायर, सरला बिरला आदि स्कूलों में स्मार्ट क्लास के माध्यम से शिक्षा दी जा रही है।
शिक्षकों को हो तकनीकि ज्ञान : विद्यालयों में स्मार्ट क्लास के सफल संचालन के लिये शिक्षकों को भी पर्याप्त प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। इसके लिये समय समय पर विद्यालयों में शिक्षकों के लिये प्रशिक्षण सेमिनार, तो कई बार शिक्षकों को नयी तकनीकों से रु ब रु कराने के लिये कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। विभिन्न विद्यालयों के शिक्षकों ने जानकारी दी कि स्मार्ट क्लास के माध्यम से शिक्षण प्रणाली सरल हो गयी है।
बढ़ती है कल्पनाशक्ति : स्मार्ट क्लास न सिर्फ शिक्षण प्रणाली सरल हुई है। बल्कि इससे बच्चों मे भी काफी सक्रियता देखी जाती है। विज्ञान जैसे विषयों में कई टॉपिक ऐसे होते है जिन्हें बच्चे समझ नहीं पाते। ऐसे में डीवीडी या वीसीडी आदि के माध्यम से विद्यार्थियों को उक्त विषय की जानकारी देना बच्चों के लिये कौतुहल का विषय होता है। वहीं लगातार पढ़ाई से होने वाले बोरियत को कम करने में भी ये स्मार्ट क्लास मददगार होते है।
बच्चे बोर नहीं होते : बच्चों में कुछ नया जानने की उत्सुकता बनी रहती है, क्लास के दौरान बच्चे बोर नहीं होते, कठिन विषयों को भी सरलता से समझा जा सकता है, ऑडियो, वीडियो, वर्ड आदि फीचरर्स के माध्यम से क्लास रोमांचक होता है, विद्यार्थियों में तकनीकि ज्ञान का प्रसार होता है, साथ ही शिक्षा का दायरा सीमित नहीं होता है, पेपर कलम से दूर दिमागी पढ़ाई पर अधिक बल दिया जाता है।
रांची
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