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अगले साल तक राजधानी में खुलेगा केआईएसएस : प्रो. अच्युता समन्ता
| | 12 March 2018 6:46 AM GMT
संवाददाता रांची : कलिंगा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस (केआईएसएस) को मानव संसाधन मंत्रालय भारत सरकार के...
संवाददाता
रांची : कलिंगा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस (केआईएसएस) को मानव संसाधन मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा मान्यता मिलने के बाद केआईएसएस पूरे विश्व का पहला अनुशुचित जनजाति विश्वविद्यालय बन गया है। १९९२ में १२५ अनुशुचित जनजातिय विधार्थियो के से शुस् की हुए संस्था आज 27000 अनुशुचित जनजातिय विधार्थियो को मुफ्त शिक्षा दे रही है।
यहां बच्चों को शिक्षा के अलावा भोजन, रहने की वैवास्था, किताबे और स्कूल की पोशाक बिलकुल मुफ्त उपलब्ध कराया जाता है| अभी तक 10000 विधार्थी यहां से सकुशल पास हो चुके है।
कलिंगा इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और के आईएसएस के संस्थापक प्रो अच्युता समन्ता ने प्रेस क्लब में पत्रकारों के साथ बैठक कर बताया कि केआईएसएस झारखण्ड में अपनी साखा डालने की योजना कर रहा है और 2019 तक इसपर काम शुरू कर दिया जायेगा ।
ये साखा २० एकड़ में होगी जो झारखण्ड सरकार ने कलिंगा विश्वविद्यालय को आवंटित किया है।