
कोल इंडिया के समक्ष उत्पादन बढ़ाने की चुनौती
| | 2018-01-15T12:54:36+05:30
पूरनचन्द्र रांची : कोल इंडिया के द्वारा कर्मियों के वेतनमान में वृद्धि के बाद कंपनी पर आये...
पूरनचन्द्र
रांची : कोल इंडिया के द्वारा कर्मियों के वेतनमान में वृद्धि के बाद कंपनी पर आये आर्थिक दबाव को कम करने की तैयारी कर ली गयी है। वेतनमान में वृद्धि के कारण कंपनी पर साढे़ पांच हजार करोड़ का अर्थिक बोझ बढ़ गया है। इस बोझ को कम करने के लिए कंपनी ने कोयले की कीमत में वृद्धि करने का निर्णय किया। इससे कंपनी को 1,956 करोड़ का राजस्व मिलेगा।
कोयले की कीमत से हालांकि बिजली की दर भी बढे़गी,
जिसका बोझ पावर प्लांट एवं आम उपभोक्ताओं को सहना पडे़गा। इस बीच कोल इंडिया के नए चेयरमैन गोपाल सिंह ने कोयले का उत्पादन बढ़ाने तथा पावर प्लांटों को पर्याप्त कोयले की आपूर्ति पर जोर दिया है।
कोल इंडिया के बोर्ड ने कोयले की कीमत में वृद्धि संबंधी प्रस्ताव को पारित कर दिया। मूल्य में वृद्धि कोल इंडिया की सभी अनुषंगी
इकाइयों को लागू करना है। आज सेन्ट्रल कोल फील्ड्स लिमिटेड कोयले का रिकार्ड उत्पादन कर रहा है और उतना डिस्पैच कर रहा है। कोल इंडिया के लिए केन्द्र सरकार को अधिक से अधिक लाभांश देने की भी चुनौती है। इससे पूर्व कोल इंडिया केन्द्र को 55 हजार करोड़ रुपए का लांभाश दे चुका है। देश के आर्थिक विकास में कोल इंडिया का बड़ा योगदान है। देश में बिजली का अधिक से अधिक उत्पादन में भी कोल इंडिया की भूमिका रही है।
सीएमडी गोपाल सिंह की आधुनिक
तकनीक से कोयले का उत्पादन करने से खान दुर्घटना नहीं के बराबर है। खान सुरक्षा पर विशेष जोर दिया जा रहा है।
कोल इंडिया को अभी लंबा सफर तय करना है। हमारे पास कोयले का भंडार ज्यादा है, लेकिन हम चीन से कम कोयला उत्पादन कर पा रहे हैं।
वैसे तो चेयररमैन गोपाल सिंह के सामूहिक विकास के प्रति सोच रहने के कारण सीएसआर की अनेक योजनाएं शुरू की गयी हैं। स्कूल निर्माण से लेकर खेलकूद खदान क्षेत्रों में गरीबांे के विकास तक अनेक कदम उठाए हैं।
हालांकि चेयरमैन गोपाल सिंह ने समाज के कल्याण के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकर यदि कंपनी अपशिष्ट मैनेजमेंट की दिशा में काम करें तो रांची देश का सबसे स्वच्छ शहर बन सकता है। कोल इंडिया अपशिष्ट से बिजली का उत्पादन कर बड़ा योगदान दे सकता है। इसके अलावा कंम्पनी कम्पोस्ट खाद बना सकती है। रांची में हर दिन पांच लाख टन अपशिष्ट निकलता है, जिसे बिजली बनायी जा सकती है। देश के अनेक शहरांे में पीएसयू कम्पोस्ट खाद बनाने का काम कर रही है। कंपनी स्वच्छता के क्षेत्र में भारी योगदान दे सकती है।
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