
रक्षाबंधन की खुशियों पर भद्रा और चंद्रग्रहण की काली छाया
| | 4 Aug 2017 8:08 AM GMT
राहुल कुमार कटकमसांडी : भाई और बहनों के प्यार के पवित्र त्योहार रक्षाबंधन पर इस बार भईया...
राहुल कुमार
कटकमसांडी : भाई और बहनों के प्यार के पवित्र त्योहार रक्षाबंधन पर इस बार भईया और बहनों को प्यार की परीक्षा देनी होगी। श्रावण पूर्णिमा के दिन इस बार भद्रा वह चंद्रग्रहण लगने से बहनों को भाई की कलाई पर राखी बांधने के लिए कम समय मिलेगा। रक्षाबंधन के दिन चन्द्रग्रहण और भद्रा होने से राखी बांधने के लिए के केवल 2 घंटे 52 मिनट का ही समय मिल रहा है। खास बात यह है कि इस दिन एक साथ रक्षा बंधन, चंद्रग्रहण और सावन माह के आखरी सोमवार का भी संयोग पड़ रहा है। सात अगस्त को श्रावण मास का आखिरी सोमवार भी है और रक्षाबंधन का त्योहार भी। सावन पूर्णिमा पर रात 10 बजकर 52 मिनट पर खंडग्रास चंद्रग्रहण लग रहा है। जो मध्यरात्रि 12 बजकर 48 मिनट पर खत्म होगा। खंडग्रास चंद्रग्रहण का सूतक 9 घंटे पहले दोपहर 1 बजकर 52 मिनट से लग जाएगा। इससे पहले सुबह 10:30 बजे तक भद्रा होने से इससे पहले राखी नहीं बांधी जा सकती है। यानि बहनों के पास राखी पहनाने के लिए रक्षाबंधन के दिन सुबह 10:31बजे से 1 बजकर 52 मिनट तक ही समय है। आचार्य के अनुसार श्रावण पूर्णिमा को चंद्रग्रहण होने से जप एवं तप के लिए विशेष संयोग बन रहे हैं। वहीं रक्षाबंधन के दिन चन्द्रग्रहण और भद्रा होने से राखी बांधने के लिए के केवल 2 घंटे 52 मिनट का ही समय मिल रहा है।
मकर राशि व श्रवण नक्षत्र में होगा चंद्रग्रहण : चंद्रग्रहण भारत समेत एशिया के अधिकांश देशों, ऑस्ट्रेलिया, यूरोपीय देशों, दक्षिण अफ्रीका आदि देशों में दिखाई देगा। यह चंद्रग्रहण मकर राशि और श्रवण नक्षत्र में होगा। इसलिए अलग-अलग राशियों पर ग्रहण का अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा। ग्रहण के प्रभाव से मेष, सिंह, कन्या, वृश्चिक और मीन ये पांच राशियों की किस्मत चमकने वाली है। इन राशियों वाले लोग यदि बेरोजगार हैं तो इन्हें उच्च पद वाली नौकरी मिलेगी। अविवाहित हैं तो विवाह पक्का हो जाएगा, संतान नहीं है तो संतान की प्राप्ति होगी और यदि धन की कमी से जूझ रहे हैं तो धन की प्राप्ति होगी।
27 साल बाद पड़ रहा ऐसा संयोग
रक्षा बंधन पर इस साल 27 साल बाद पहली बार चंद्रग्रहण लग रहा है। लेकनि इसके साथ ही इस बार 27 सालों बाद एक और संयोग बना है। जो कुछ राशियों के लिए अच्छा संयोग तो कुछ पर बुरा असर भी डाल सकता है। इस से पहले वर्ष 1990 में श्रावण पूर्णिमा को चंद्र ग्रहण था। पूर्णिमा तिथि, सोमवार एवं श्रावण नक्षत्र इस बार की तरह ही तब भी थे।