
हमारा लक्ष्य हर गरीब को मिले अन्न : रघुवर
रांची, मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आज श्रीकृष्ण लोक प्रशासन संस्थान में आयोजित झारखंड में राष्ट्रीय...
रांची, मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आज श्रीकृष्ण लोक प्रशासन संस्थान में आयोजित झारखंड में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का शुभारंभ करते हुए कहा, समाज के अन्तिम पायदान पर बैठे व्यक्ति को नारायण समझकर उन्हें अन्न उपलब्ध कराना है। दूरदराज गांवों के सबसे गरीब आदमी के आंसू पोंछना हम सबकी प्राथमिकता होनी चाहिए। 2016 तक राज्य की हरेक विधवा बहनों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाया जायेगा तथा उन्हें आवास की सुविधा दी जायेगी। प्राथमिकता के साथ सरकार खाद्य सुरक्षा अधिनियम को कार्यान्वित कर रही है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2022 तक पूरे देश में बेघरों को आवास देने की योजना बनायी है, उसी प्रकार झारखंड सरकार 2016-17 के बजट में आदिम जनजाति के लिये सरकार आवास देने का प्रावधान करने जा रही है तथा सरकार विधवा बहनों को सामाजिक सुरक्षा के तहत पेंशन भी देगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब मैं जनसंवाद के जरिये ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों से बात करता हूं तो गरीबी देखकर पीड़ा होती है। दुख होता है कि आजादी के 68 साल बाद भी लोगों का विकास नहीं हुआ है। राज्य को खाद्यान्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार प्रयासरत है। इसके लिए सरकार छोटी-छोटी सिंचाई योजनाएं गांवों के किसानों को देने जा रही है। श्री दास ने कहा कि व्यवस्था में त्रुटि हो सकती है लेकिन सरकार की नियत में किसी प्रकार का खोट नहीं है। लोगों से आह्वान किया कि व्यवस्था में त्रुटि है तो मिलजुल कर उसमें सुधार करें और जनसहभागिता के आधार पर अच्छे झारखंड के निर्माण में अपनी भूमिका निभायें। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने लाभुकों के बीच राशन कार्ड का वितरण भी किया।
खाद्य सुरक्षा अधिनियम के राज्य में शुभारंभ के दौरान खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग के मंत्री श्री सरयू राय ने कहा कि पूरे राज्य में खाद्य सुरक्षा अधिकार के लिए 51 लाख 70 हजार परिवार के 2.33 करोड़ लोगों को सूचीबध्द किया गया है। उन्होंने कहा कि पूर्व में जो जनवितरण प्रणाली में खामियां थी, उसे दूर कर लिया गया है। लोगों को सूचीबध्द करने के लिए विभाग की ओर से विशेष अभियान चलाया गया, जो एक बड़ी चुनौती थी।
श्री राय ने कहा कि अगर इस योजना से कोई वंचित है तो उसका भी समावेश किया जा सकता है। राज्य में कुल 80 प्रतिशत आबादी को कानून के तहत खाद्य सुरक्षा की गारंटी देने की है जो आबादी के लिहाज से करीब 2.63 करोड़ लोगों की दी जा सकती है। पूर्व में लाभुकों को सिर्फ चावल दिया जाता था लेकिन नयी योजना में चावल के साथ गेहूं का भी प्रावधान किया गया है। इसके अलावा डीलरों को प्राप्त होने वाले कमीशन में भी इजाफा करते हुए उन्हें यह अधिकार दिया गया है कि वे अपनी दुकान में अन्य खाद्य सामग्री भी रख सकेंगे। विभिन्न योजनाओं के तहत पूर्व में जहां राज्य में 35 लाख परिवार लाभांन्वित होते थे वहीं अब इस योजना के तहत राज्य के 51 लाख परिवारों को फायदा मिलेगा। उन्होंने बताया कि पूर्व में जहां 97 हजार मिट्रिक टन अनाज का वितरण किया जाता था वहीं अब 1.30 लाख मिट्रिक टन से ज्यादा वितरण किया जायेगा। श्री राय ने कहा कि सरकार की कोशिश है कि दिसंबर तक झारखंड पूरे देश में खाद्य सुरक्षा के मामले में अव्वल बने।
सचिव, खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले के सचिव श्री विनय कुमार चौबे ने अधिनियम के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। इस मौके पर मुख्य रूप से महानिदेशक, एटीआई श्री सुधीर प्रसाद, प्रधान सचिव ग्रामीण विकास विभाग श्री एनएन सिन्हा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री संजय कुमार, उपायुक्त रांची श्री मनोज कुमार सहित सर्वोच्च न्यायालय के सलाहकार श्री बलराम जी, व सामाजिक कार्यकर्ता श्री विष्णु राजगढ़िया सहित कई गणमान्य लोग एवं बड़ी संख्या में योजना के लाभुकगण उपस्थित थे।