
स्वस्थ तन और मन के लिए जरूरी है योग
आधुनिक युग में योग का महत्व काफी बढ़ गया है। इसके बढ़ने का कारण व्यस्तता और मन की व्यग्रता है। इसलिए...
आधुनिक युग में योग का महत्व काफी बढ़ गया है। इसके बढ़ने का कारण व्यस्तता और मन की व्यग्रता है। इसलिए मनुष्य को आज योग की ज्यादा आवश्यकता है, जबकि मन और शरीर अत्यधिक तनाव, वायु प्रदूषण और भागमभाग के जीवन से रोगग्रस्त हो चला है। योग से शरीर, मन और आत्मा को शांति मिलती है। मानसिक तनावों से जर्जर होता मनुष्य संतोष और आनंद की तलाश में इधर-उधर भटक रहा है। मनुष्य शांति के लिए उतावला हो रहा है। वह अपने जीवन बगिया के आसपास के स्वार्थ, क्रोध, कटुता, इर्ष्या, घृणा आदि कांटों को दूर कर देना चाहता है। निश्चित रूप से योग इसमें काफी मददगार साबित हो रहा है। योग के बारे में योग गुरू का कहना कितना सही है-'जो रोज करेगा योग, उसे नहीं होगा कोई रोग।' योग न केवल शारीरिक क्रियाओं को सही करता है वरन यह आध्यात्मिक विकास में भी सहायक है।
हमारे पुराणों में भी योग का जिक्र मिल जाता है। हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी योग के महत्व को बहुत अच्छी तरह समझते हैं। इस बार पहली बार 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। इसकी पहल उन्होंने 27 सितम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र में अपने भाषण में रखकर की थी। इसके बाद 21 जून को 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' घोषित कर दिया गया। 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र में 193 सदस्यों द्वारा 21 जून को 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' को मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस प्रस्ताव को 90 दिन के अंदर पूर्ण बहुतमत से पारित किया गया, जो संयुक्त राष्ट्र संघ में किसी दिवस प्रस्ताव के लिए सबसे कम समय है। योग करने से कई बीमारियां खत्म हो जाती हैं और खतरनाक बीमारियों का असर भी कम हो जाता है। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में अक्सर लोगों को अनिद्रा की शिकायत हो जाती है। अनिद्रा की स्थिति में योगनिद्रा अपनाने से बहुत फायदा होता है। यह न सिर्फ सुकून भरी नींद देती है बल्कि इससे कई बीमारियों से छुटकारा भी मिलता है। पेट का कब्ज कई बीमारियों की जड़ है। योगमुद्रासन एक ऐसा योग है जो पेट के कब्ज से छुटकारा दिलाने में काफी मददगार है। कहा जाता है कि बीमारियों की शुरूआत पेट से होती है और यह मुद्रा कब्ज से राहत दिलाने का आसान उपाय है। योग करने से कैंसर के रोगियों को काफी अच्छी नींद आती है। शरीर में ऊर्जा का संचार होता है। यह दावा अमेरिका में हुए एक शोध में किया गया है। न्यूयार्क में यूनिवर्सिटी आफ रोचेस्टर मेडिकल सेंटर के शोधकर्ताओं ने 4 सौ से अधिक कैंसर रोगियों पर यह शोध किया। इन मरीजों को दो समूह में बांटा गया। एक समूह को एक महीने के लिए सप्ताह में दो बार योग कराया गया। शोध के दौरान पाया गया कि योग करने वाले रोगियों ने नींद की दवाई में कटौती की। उनकी रात में नींद की गुणवत्ता में 22 प्रतिशत सुधार आया। थकान भी आधी हो गई। साथ ही उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार आया। यह सुधार उन रोगियों के मुकाबले दोगुना था जिन्होंने योग नहीं किया।21 जून यानी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर देश की राजधानी दिल्ली में तकरीबन 35 मिनट के कार्यक्रम का आयोजन रखा गया है। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री भी शामिल होंगे। इस मौके विभिन्न स्कूलों के लगभग 35 हजार बच्चे व अन्य लोग योग करेंगे। ऐसा नजारा सिर्फ राजधानी दिल्ली में नहीं होगा बल्कि देश के कई दूसरे शहर भी सुबह से ही योग के रंग में रंगे नजर आएंगे। देश में योग का इतने बड़े पैमाने पर आयोजन पहली बार किया जा रहा है। योग का आयोजन इतने बड़े पैमाने पर किए जाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि लोग योग के महत्व को समझकर इसे अपनी जिंदगी में उतार सकें। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का पूरा श्रेय हमारे प्रधानमंत्री जी को जाता है उनकी बदौलत ही आज योग को पूरे विश्व में ख्याति प्राप्त हो रही है और पूरी दुनिया इसे अपनाने को आतुर दिखाई दे रही है।