
विद्यालय चलें-चलाएं अभियान के तहत 7 लाख 70 हजार नामांकन
रांची, मानव संसाधन विकास विभाग की सचिव अराधना पटनायक ने कहा कि शिक्षा मानव विकास के लिये बेहद...
रांची, मानव संसाधन विकास विभाग की सचिव अराधना पटनायक ने कहा कि शिक्षा मानव विकास के लिये बेहद जरूरी है। शिक्षा में गुणात्मक सुधार सरकार की पहली प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि विद्यालय चलें-चलायें अभियान के तहत 7 लाख 70 हजार बच्चों का नामांकन लिया गया। यह अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि हैं। सरकारी विद्यालयों में 45 लाख बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। विद्यालय में उन बच्चों का ठहराव कैसेहो तथा उन्हें गुणवत्तायुक्त शिक्षा मिले, यह एक बड़ी चुनौती है। इस चुनौती को सरकार प्राथमिकता के रूप में लेते हुए प्रयास नामक कार्यक्रम संचालित कर रही है। इसमें एसएमसी, बाल संसद एवं शिक्षक समूह की अहम भूमिका है। ये बातें आज डा.कामिल बुल्के पथ स्थित एसडीसी सभागार में क्रेज (कैंपेन फार राईट टू एडुकेशन इन झारखंड) के तत्वावधान में आयोजित शिक्षा का अधिकार, विद्यालय प्रबंध समिति की दक्षता एवं प्रयास कार्यक्रम के अंतर्गत राज्यस्तरीय संगोष्ठी में अराधना पटनायक ने कही।
संगोष्ठी में यूनिसेफ के विनय पटनायक ने एसएमसी के सदस्यों को जिम्मेदारियों का व्यापक जानकारी देते हुए कहा कि सरकारी विद्यालय अपना खेत, अपनी फसल की तरह है। सभी बच्चे खुश एवं स्वास्थ्य रहें, यही हम सब का प्रयास है। उन्होंने कहा कि बच्चों को यह सब अधिकार स्वरूप मिलना चाहिये।
विचार-गोष्ठी में एससीपीसीआर के सदस्य रंजना चौधरी ने कहा कि परिवार की खुशी उनकी मुखिया की दक्षता, सोच, समझ एवं व्यवहार पर निर्भर करता है। इसी प्रकार स्कूल प्रबंधन समिति की सोच एवं कार्यशैली पर बच्चों का भविष्य निर्भर करता है।
विषय प्रवेश कराते हुए कालेश्वर मंडल ने कहा कि एक सौ प्रतिशत नामांकन, ठहराव एवं गुणात्मक शिक्षा सभी बच्चों को मिले, इसके लिये क्रेज पंद्रह वर्षों से प्रयासरत है। कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न जिलों से आये एसएमसी अध्यक्ष बैजनाथ यादव, अर्जुन प्रसाद यादव, रवि साहू, आनंद कुमार सिन्हा सहित अन्य सदस्य ने अपने विचार रखें। राज्य स्तरीय विचार गोष्ठी में राज्य के बारह जिलों के 150 एसएमसी के सदस्य उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन प्रवीण कुमार तथा धन्यवाद ज्ञापन बैधनाथ ने किया।