
राजधानी में ही अपराधी दे रहे हैं पुलिस को चुनौती
रांची, राजधानी में आपराधिक घटनाओं ने इन दिनों पुलिस की नाक में दम कर दिया है। राज्य सरकार पुलिस...
रांची, राजधानी में आपराधिक घटनाओं ने इन दिनों पुलिस की नाक में दम कर दिया है। राज्य सरकार पुलिस की विजिबलिटी बढ़ाने को लेकर लगातार प्रयासरत दिख रही है, बावजूद इसके अपराधियों के हौसले बुलंद नजर आ रहे हैं। आये दिन घटनाओं को अंजाम देकर अपराधी शहर में खौफ का माहौल बनाये हुए है।
प्रदेश में रघुवर सरकार की पहली प्राथमिकता कानून व्यवस्था सुधारने की थी पर कहीं ना कहीं हाल की घटनाओं पर गौर किया जाये तो राज्य की राजधानी ही असुरक्षित नजर आने लगी है। आये दिन हो रही आपराधिक घटनाएं कानून व्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी है। पिछले कुछ घटनाओं को देखने से पता चलता है कि अपराधियों के हौसले कितने बुलंद हैं। मामले में पुलिस को अबतक कोई सुराग नहीं मिला है। इन वारदातों को नहीं मिला सुराग
30 जून रांची के मेन रोड पर कडरु मोड़ के पास शराब व्यवसायी अनूप चावला को अपराधियों ने मारी गोली।
19 अगस्त सुखदेव नगर थाना क्षेत्र के हरमू बाइपास रोड स्थित मुत्थुट फाइनांस से एक लाख नगद एवं 90 ग्राम सोना की हथियार के बल पर लूट।
20 अगस्त धुर्वा गोलचक्कर के पास गृह विभाग के प्रशाखा पदाधिकारी मनोज कुमार को अपराधियों ने मारी गोली।
22 अगस्त को डोरंडा में दो गुटाें के बीच गोलाबारी में एक बच्चे को लगी गोली।
क्या कहते हैं अधिकारी : पुलिस प्रवक्ता सह एडीजी एसएन प्रधान ने कहा कि आने वाले दिनों में पुलिस की विजिबलिटी बढ़ेगी। बीट पुलिसिंग की शुरुआत इस कड़ी का हिस्सा है। इससे अपराध पर अंकुश लगेगा।
क्या कहते हैं विपक्षी दल के नेता : विपक्षी दल अपराध और शहर की सुरक्षा को लेकर सरकार को घेरने में लगी हुई है। झामुमो के प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि सरकार पुलिस को सुविधाएं मुहैया कराने को लेकर व्यवासायियों से भी मदद ले रही है। इसके बाद भी अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। जानकार इसके लिए सरकार की तबादला की नीति को दोषी बताते हैं। ज्यादातर थानों में वैसे प्रभारी प्रभार में हैं जिन्हें अपने क्षेत्र की स्थिति सहित अपराधियों की जानकारी नहीं है। ऐसे में अपराध बढ़ रहा है।