
भारत का रजत पक्का, सोने पर नजर
रियो डि जेनेरो :- भारत की पीवी सिंधू ने करिश्माई प्रदर्शन करते हुए जापान की नोजोमी ओकूहारा को...
रियो डि जेनेरो :- भारत की पीवी सिंधू ने करिश्माई प्रदर्शन करते हुए जापान की नोजोमी ओकूहारा को लगातार गेमों में गुरुवार को 21-19, 21-10 से हराकर रियो ओलंपिक की महिला बैडमिंटन प्रतियोगिता के फाइनल में स्थान बना लिया और इसके साथ ही उन्होंने एक नया इतिहास रच दिया। सिंधू की इस कामयाबी से भारत का रियो ओलंपिक में दूसरा पदक पक्का हो गया।
अपना पहला ओलंपिक खेल रही सिंधू ओलंपिक बैडमिंटन के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बन गयी हैं। सिंधू का अब स्वर्ण पदक के लिये नंबर एक और विश्व चैंपियन स्पेन की कैरोलिना मारिन के साथ मुकाबला होगा, जिन्होंने एक अन्य सेमीफाइनल में गत चैंपियन चीन की ली जुईरुई को 21-14, 21-16 से हराया। फाइनल मुकाबला भारतीय समय अनुसार शुक्रवार शाम 7.30 बजे से शुरू होगा।
सिंधू ने रियो में भारतीय महिला शक्ति का एक और उदाहरण पेश कर दिया। महिला पहलवान साक्षी मलिक के कांस्य पदक जीतने के 20 घंटे बाद ही सिंधू ने फाइनल में स्थान बना लिया जहां अब वह स्वर्ण पदक के लिये मारिन से खेलेंगी।
भारतीय खिलाड़ी ने ऑल इंग्लैंड चैंपियन ओकूहारा को 49 मिनट में पराजित कर दिया। पहला गेम कड़े संघर्ष में 21-19 से जीतने के बाद सिंधू ने दूसरे गेम में कुछ गलतियां कीं जिससे स्कोर 10-10 से बराबर हो गया लेकिन इसके बाद सिंधू ने हैरतअंगेज प्रदर्शन करते हुए लगातार 11 अंक लेकर दूसरा गेम 21-10 से निपटा दिया।
सिंधू मैच जीतते ही खुशी से उछल पड़ीं। आखिर उन्होंने वह कारनामा कर दिखाया जो इससे पहले किसी भारतीय खिलाड़ी ने नहीं किया था। सायना नेहवाल ने पिछले लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था लेकिन वह घुटने की चोट के कारण ग्रुप चरण में ही बाहर हो गयी थीं। सिंधू ने इस निराशा को दूर करते हुये जैसे ही फाइनल में जगह बनाई, पूरा देश खुशी से झूम उठा।त करते हुये जल्द ही 3-0 की बढ़त बना ली। दूसरा गेम पूरी तरह से सिंधू के बेहतरीन शॉटों और उनकी गलतियों के नाम रहा। इस गेम में सिंधू ने जितने भी अंक गंवाये, अपनी गलतियों से गंवाये। जापानी खिलाड़ी का अपने दस अंकों में कोई योगदान नहीं रहा।
सिंधू के दो रिटर्न बाहर पड़े और ओकूहारा को 5-3 की बढ़त मिल गयी लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने दमदार स्मैश ने स्कोर 5-5 से बराबर कर दिया। ओकूहारा ने फिर 7-5 से बढ़त बनायी लेकिन सिंधू ने लगातार दो स्मैश लगाते हुये स्कोर 7-7 कर दिया। स्कोर फिर 10-10 की बराबरी पर जा पहुंचा लेकिन इसी स्कोर के बाद सिंधू ने जैसे 100 मीटर का फर्राटा लगाते हुये एक के बाद एक 11 अंक बटोरकर ओकूहारा की चुनौती को ध्वस्त कर दिया। स्टेडियम में भारी संख्या में जापानी समर्थक मौजूद थे, लेकिन सिंधू के एक के बाद एक पड़ते स्मैशों के आगे उनकी आवाज दम तोड़ती चली गयी। वे खामोश बैठे अपनी खिलाड़ी के हारने का नज़ारा देखते रहे।