
बोकारो में तीनदिवसीय प्रांतीय क्रीड़ा महोत्सव शुरू : जीतें तो इतराये नहीं, हार से घबरायें नहीं ः जूदेव
बोकारो,ः 'खेल के क्षेत्र में हार-जीत का सिलसिला लगा रहता है। राजनीति का खेल हो या कोई और,...
बोकारो,ः 'खेल के क्षेत्र में हार-जीत का सिलसिला लगा रहता है। राजनीति का खेल हो या कोई और, हारना-जीतना तो लगा रहता है, लेकिन इसमें ध्यान रखने योग्य बात यह है कि जो जीतते हैं वे जीत से इतरायें नहीं और जो हारते हैं, वे हार से घबरायें नहीं। जीतने वाले और मेहनत करें और हारने वाले हार से प्रेरणा लें।' यह कहना है छत्तीसगढ़ के राज्यसभा सांसद सह पूर्व खेल राज्यमंत्री रणविजय सिंह जूदेव का। राजा परिवार से ताल्लुक रखने वाले श्री जूदेव ने आज से बोकारो के मोहन कुमारमंगलम स्टेडियम में शुरू हुए वनवासी कल्याण केन्द्र के प्रांतीय क्रीड़ा महोत्सव के उद्धाटन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अपने जीवन में करोड़पति बन खूब नाम और शोहरत कमाना अमूमन हर इंसान की चाहत होती है। खेल भी आपको यह काबिलीयत देता है। खेल में अपने अच्छे प्रदर्शन से अच्छा मुकाम हासिल कर भी आप करोड़पति बन सकते हैं। झारखंड ने भी खेल के क्षेत्र में कई प्रतिभायें दी हैं। ओलंपिक संघ के कार्यकारिणी सदस्य श्री जूदेव ने उक्त आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि वनवासियों की खेल प्रतिभा पूरे विश्व में अपनी चमक बिखेर रही है। उन्होंने प्रांतीय क्रीड़ा महोत्सव के प्रतिभागियों को पूरे जोश व जिम्मेदारी के साथ अच्छे खेल के प्रदर्शन की शुभकामना दी तथा विश्व में वनवासियों का नाम गौरवान्वित किये रखने का संदेश दिया। खेल के जरिये देश को जोड़ रहा केन्द्र ः जोगी ः समारोह के मुख्य वक्ता वनवासी कल्याण आश्रम के अखिल भारतीय सह-संगठन मंत्री सह संघ प्रचारक अतुल जोगी ने आगामी 27-31 दिसंबर को रांची में आयोजित सप्तम राष्ट्रीय क्रीड़ा महोत्सव के मद्देनजर खिलाड़ियों के चयन हेतु देशभर में आयोजित किये जा रहे प्रांतीय महोत्सव पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय खेल में देशभर से 3500 प्रतिभागी भाग लेंगे। इसके लिये प्रांतीय महोत्सव के तहत अबतक दो लाख वनवासी खिलाड़ी भाग ले चुके हैं। राष्ट्रीय खेल के जरिये वनवासी कल्याण केन्द्र विगत कई वर्षों से पूरे देश को एकसूत्र में जोड़ने का काम कर रहा है। उन्होंने खेल की महत्ता बताते हुए कहा कि इससे शरीर और मन, दोनों स्वस्थ होता है, परिश्रमशीलता, नेतृत्व-क्षमता, अनुशासनशीलता, संगठित हो चलने की सीख भी मिलती है। यह रोगमुक्त, तनावमुक्त तथा भयमुक्त समाज के निर्माण में भी सहायक है। विशिष्ट अतिथि वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष .पा प्रसाद सिंह ने कहा कि वनवासी गांवों में प्रतिभा की कमी नहीं हैं। जरूरत है उन्हें निखाकर राष्ट्रीय धरातल पर लाने की और वनवासी कल्याण केन्द्र यह कर रहा है। दीप-प्रज्वलन व झंडोत्तोलन से शुभारंभ ः कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद रणविजय सिंह जूदेव, उनकी सहधर्मिणी रानी अमृता सिंह, विशिष्ट अतिथि कृपा प्रसाद सिंह, बोकारो विधायक बिरंची नारायण एवं मुख्य वक्ता अजुल जोगी द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वन तथा मुख्य अतिथि द्वारा ध्वजारोहण के साथ प्रांतीय क्रीड़ा महोत्सव का उद्धाटन हुआ। इस दौरान सिमडेगा के शिक्षाविद् राजेन्द्र साहु ने नागपुरी गीत तथा वनवासी बालिकाओं ने सामूहिक नृत्य प्रस्तुत कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। मंच संचालन शशिकला, सौरभ व सतेन्द्र तथा धन्यवाद ज्ञापन नगर मंत्री आरएन वर्णवाल ने किया। जबकि प्रारंभ में स्वागत भाषण जिला समन्वक प्रीतरंजन प्रसाद ने किया। मौके पर प्रणय दत्त, अजय कुमार सिंह, अनिल कुमार, वीरेन्द्र सिन्हा, कैलाश उरांव, विपिन अग्रवाल सहित केन्द्र से जुड़े कई लोग मौजूद थे। जिला प्रशासन की तरफ से जिला योजना पदाधिकारी पीवीएन सिंह उपस्थित थे। दमखम दिखाने में लगे 1600 खिलाड़ी ः प्रांतीय क्रीड़ा महोत्सव में झारखंड के सभी 24 जिलों के लगभग 1600 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं, जिनमें करीब 650 महिला खिलाड़ी हैं। उद्धाटन समारोह में प्रतिभागी जिलों के खिलाडघ्यिों ने बैंड-ध्वनि पर आकर्षक मार्च पास्ट की प्रस्तुति की। एथलेटिक्स, खो-खो-, कबड्डी, तीरंदाजी समेत 54 खेल-स्पर्धाओं में ये अपने जौहर बिखेरने में लग गये। प्रथम दिन 800 मीटर दौड़ के अंडर-16 (16-18 आयुवर्ग) में मांझी बोकीरा (प.सि.) एवं पंचमुनि कुमारी (लातेहार), 1500 मीटर, अंडर-18 में सुनील मुर्मू (प.सिं.), अंडर-16 (महिला) में सावित्री बांड्रा (प.सिं.), 5000 मीटर में नंदलाल उरांव (गुमला), 3000 मीटर में रंजीत किस्कू (पाकुड़) तथा हजारीबाग की डॉली टोप्पो ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।