
बेशुमार खुशियां लेकर आती है ईद
ईद रोजेदारों के लिए खाततौर पर बेशुमार खुशियां लेकर आती हैं। रमजानशरीफ के पूरे एक महीने के बाद ईद...
ईद रोजेदारों के लिए खाततौर पर बेशुमार खुशियां लेकर आती हैं। रमजानशरीफ के पूरे एक महीने के बाद ईद मनायी जाती है। ईद मनाने के सही हकदार खुदा के वे नेक बंदे हैं, जिन्होंने रमजानशरीफ की कद्र की हो और पांच वक्तों की नमाज पढ़ी कुरानपाक की तिलावत और जकात निकाली हो। ईद मनाने का लुत्फ तो तब आता है जब पूरे परिवार की फरमाइश और पसन्द का ख्याल रखते हुए उनके लिबास और दीगर चीजों की पूर्ति करने के साथ-साथ गरीबों, यतीमों और बेवाओं की आर्थिक मदद पोशीदा तरीके से कर के अपना फर्ज निभाया हो। रमजानशरीफ के मुबारक महीने में अल्लाह ताला ने इसी ख्याल से फितरा और जकात निकालने का हुक्म अपने नेक बंदो को दिया है। ताकि गरीबों और बेसहारों को ईद के दिन पेट भर खाना और नये कपड़े नसीब हो सके। ईद की नमाज से पहले फितरे और जकात की रकम अदा कर देनी चाहिए अल्लाह ने उम्मत-ए-मुसलमां को पूरी दुनिया की जिम्मेदारियां सौंपी है, जिसे निभा कर ही एक मुसलमान, सच्चा मुसलमान और खुदा का फरमाबरदार बंदा कहलाने का हकदार है।