
बूंद-बूंद पानी बचाना होगा : चन्द्रप्रकाश
रांची, झारखंड में जल की कमी नहीं है। बावजूद इसके यहां भूजल की समान उपलब्धता नहीं होने के कारण...
रांची, झारखंड में जल की कमी नहीं है। बावजूद इसके यहां भूजल की समान उपलब्धता नहीं होने के कारण जलसंकट एक ज्वलंत समस्या बन कर उभर रही है। हमें बूंद-बूंद पानी बचाना होगा।
उक्त बातें जल संसाधन, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के मंत्री चन्द्र प्रकाश चौधरी ने सोमवार को आई.एस.एम. पुन्दाग में झारखंड में जल संसाधन प्रबंधन विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के उद्धाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि कही। उन्होंने कहा कि जल प्रबंधन पर विचार करते हुए डीप बोरिंग पर रोक लगाने के साथ ही वाटर हार्वेस्टिंग पध्दति को अपनाने की जरूरत है। जल के निरर्थक बहाव को रोकने एवं जल संरक्षण की दिशा में सबो की सहभागिता होना आवश्यक हैं। श्री चौधरी ने कहा कि नदियों को नदियों से जोड़कर जल संकट से उबारने के लिये कारगर उपाय तलाशने होंगे। हमें प्रकृति के दोहन से बचना होगा। वर्षा, नालियों, घरों व फैक्ट्रियों से निकलने वाले पानी के निरर्थक बहाव का संरक्षण कर पुन: उसे उपयोग योग्य बनाने के तरीके तलाशने की आवश्यकता है। राज्य के जल एवं पर्यावरण संस्थान के ए.के. सक्सेना, रांची विश्वविद्यालय के पूर्व उपकुलपति डा. एल.एन. भगत, विनोबा भावे विश्वविद्यालय के पूर्व उपकुलपति डा. एम.पी. सिंह, खान भूगर्भ विभाग की निदेशिका कुमारी अंजलि ने जल संसाधन प्रबंध पर अपने वक्तव्य रखें। इससे पूर्व संस्थान के अध्यक्ष प्रो. आर.ए.के.वर्मा, महानिदेशक प्रो. डा.एस.पी. सिंह व कार्यकारी निदेशक प्रो. जी.डी. गुलाब ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में संस्थान के महानिदेशक ने स्वागत भाषण दिया जबकि जल एवं पर्यावरण संस्थान के अध्यक्ष ए.के. सक्सेना ने वषय प्रवेश कराया। सीडी का हुआ लोकार्पण : समारोह के दौरान जल संसाधन प्रबंधन विषय पर सी.डी. का लोर्कापण किया गया। धन्यवाद ज्ञापन प्रो. जी.डी. गुलाब ने किया। कार्यक्रम में बी.एम. के विभागाध्यक्ष प्रो. पी.के.बनर्जी, होटल मैनेजमेंट के विभागाध्यक्ष पंकज चटर्जी, बी.एम. प्रोफेसर इन्चार्ज डा. दीपक कुमार, मीडिया प्रभारी परमेश्वर सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित थे।