
बांग्लादेश फतह करने पहुंची टीम इंडिया
ढाका, भारतीय क्रिकेट टीम बांग्लादेश के खिलाफ 10 जून से शुरू होने जा रही एक टेस्ट और तीन वनडे...
ढाका, भारतीय क्रिकेट टीम बांग्लादेश के खिलाफ 10 जून से शुरू होने जा रही एक टेस्ट और तीन वनडे मैचों की सिरीज खेलने के लिए सोमवार को यहां ढाका पहुंच गई और पिछले 15 वर्षों में पड़ोसी मुल्क में यह उसकी सबसे मुश्किल सिरीज मानी जा रही है। नये टेस्ट कप्तान विराट कोहली के नेतृत्व में 14 सदस्यीय भारतीय टीम फातुल्ला में 10 जून से शुरू होने वाले एकमात्र टेस्ट में खेलेगी जबकि वनडे कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के नेतृत्व में टीम तीन मैचों की सिरीज ढाका में खेलेगी। टीम इंडिया कोलकाता में दो दिवसीय ट्रेनिंग कैंप के बाद सीधे इस सिरीज के लिए ढाका पहुंची है। तीनों वनडे मुकाबले मीरपुर में 18, 21 और 24 जून को खेले जाएंगे। इस सिरीज की खास बात यह है कि धौनी के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद विराट पूर्णकालिक कप्तान के तौर पर टेस्ट टीम की कप्तानी करेंगे जबकि लंबे अर्से बाद टेस्ट टीम में वापसी कर रहे दिग्ग्ज आफ स्पिनर हरभजन सिंह पर भी सभी की निगाहें रहेंगी। बांग्लादेश के खिलाफ पिछले 15 वर्षों में भारत के इस दौरे को सबसे मुश्किल माना जा रहा है क्योंकि मेजबान टीम इस समय अपनी जबरदस्त फार्म में है और हाल ही में उसने पाकिस्तान जैसी मजबूत टीम को पहली बार वनडे सिरीज में 3-0 से हराने के अलावा ट्वंटी-20 सिरीज भी जीती थी जबकि उसने दो टेस्टों की सिरीज कड़े संघर्ष में 0-1 से गंवाई थी। ऐसे में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने कोई ढिलाई न बरतते हुये पहली बार टीम के रवाना होने से पहले कोलकाता में संक्षिप्त फिटनेस कैंप आयोजित किया था जिसमें सभी खिलाड़ियों को फिटनेस टेस्ट से गुजरना पड़ा था जबकि इसके पहले तक केवल चोटिल खिलाड़ियों को फिटनेस टेस्ट देना पड़ता था। कर्नाटक के बल्लेबाज लोकेश राहुल डेंगू के कारण सिरीज से हट गये है। हालांकि अभी तक उनके स्थान पर नये खिलाड़ी के नाम की घोषणा नहीं हुई है। दो वर्षों बाद टीम के अनुभवी आफ स्पिनर हरभजन सिंह को भी टेस्ट में वापसी का मौका मिला है। हरभजन ने हैदराबाद में आस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी बार भारतीय टीम की ओर से खेला था। उन्हें खराब फार्म में चल रहे रवींद्र जडेजा की जगह टीम में लिया गया है। भारत ने बांग्लादेश के खिलाफ सात टेस्ट मुकाबले खेले हैं जिनमें से छह में टीम को जीत मिली है और एक मैच ड्रा रहा है। दोनों टीमों ने आखिरी बार जनवरी 2010 में मीरपुर में एक दूसरे के खिलाफ टेस्ट खेला था जिसमें भारत ने 10 विकेट से एकतरफा जीत अपने नाम की थी। पहली बार 2000-01 में बांग्लादेश का दौरा किया था और उस समय बांग्लादेश को टेस्ट दर्जा मिला था। भारतीय टीम ने उस समय से 2009-10 तक बांग्लादेश का चार बार दौरा किया है और इस दौरान उसने सात मैच खेले हैं। भारत ने 2000-01 में एकमात्र टेस्ट जीता था जबकि 2004-05 में दो टेस्टों की सिरीज 2-0 से जीती थी। वर्ष 2007 में भारत ने दो टेस्टों की सिरीज 1-0 से जीती और 2009-10 में दो टेस्टों की सिरीज 2-0 से एकतरफा अंदाज में कब्जाई थी। दोनों देशों के बीच आखिरी मुकाबला इस वर्ष आस्ट्रेलिया न्यूजीलैंड में हुये विश्वकप क्वार्टरफाइनल में हुआ था जिसे भारत ने जीता था। भारत और बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय एकदिवसीय सिरीज की बात की जाये तो भारत ने 2004ख-05 में तीन मैचों की सिरीज 2-1 से, वर्ष 2007 में तीन मैचों की सिरीज 2-0 से और 2014 में तीन मैचों की सिरीज 2-ख0 से जीती। भारत ने गत वर्ष आईपीएल-ख7 के बाद बांग्लादेश के एकदिवसीय दौरे में जो टीम भेजी थी, उसमें कई सीनियर खिलाड़ियों को विश्राम दिया गया था और सुरेश रैना को कप्तान बनाया गया था। टेस्ट कप्तान विराट के लिये इस दौरे में एकमात्र टेस्ट काफी महत्वपूर्ण होगा। विराट को आस्ट्रेलिया दौरे के दौरान टेस्ट कप्तानी सौंपी गयी थी। विराट के अलावा सीनियर ऑफ स्पिनर हरभजन के लिये भी यह टेस्ट खुद को साबित करने का महत्वपूर्ण मौका होगा। हालांकि यह देखना दिलचस्प होगा कि हरभजन और टीम के दूसरे आफ स्पिनर रविचंद्रन आश्वन तथा लेग स्पिनर कर्ण शर्मा में से किन दो स्पिनरों को अंतिम एकादश में जगह बनाने का मौका मिलता है। हरभजन दो साल के लंबे अंतराल के बाद टेस्ट टीम में वापसी कर रहे हैं। उनका आईपीएल-ख8 में शानदार प्रदर्शन रहा था और उम्मीद की जानी चाहिये कि चयनकर्ताओं ने उन्हें जिस तरह टेस्ट टीम में लौटने का मौका दिया है, उसी तरह उन्हें एकमात्र टेस्ट में अंतिम एकादश में भी उतरने का मौका दिया जायेगा। टीम में अधिकतर खिलाड़ी ऐसे हैं जो पहली बार बांग्लादेश का टेस्ट दौरा करेंगे। एकदिवसीय क्रिकेट में बांग्लादेश एक मजबूत टीम मानी जाती है और इस बात को उसने विश्वकप में क्वार्टरफाइनल में पहुंचकर तथा पहली बार पाकिस्तान को वनडे सिरीज में 3-0 की शिकस्त देकर साबित किया था। बांग्लादेशी खिलाड़ी अब तक विश्वकप की हार को भूले नहीं हैं और उसका बदला लेने के लिये बेताब हैं।