
पाक ने फायरिंग की तो गोलियां मत गिनना
| | 2015-08-24T14:20:54+05:30
लखनऊ, ः भारत-पाकिस्तान सीमा पर लगातार हो रहे संघर्ष विराम उल्लंघन को लेकर देश के गृहमंत्री ने कहा...
लखनऊ, ः भारत-पाकिस्तान सीमा पर लगातार हो रहे संघर्ष विराम उल्लंघन को लेकर देश के गृहमंत्री ने कहा कि सेना को कह दिया गया है कि पहले गोली मत चलाना, लेकिन वो गोली चलायें तो हमें गोलियों की गिनती नहीं करनी चाहिए।
दरअसल, राजनाथ सिंह शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र लखनऊ में एक कार्यक्रम में शिरकत करने आये थे। आतंक के अलावा संघर्ष विराम उल्लंघन को लेकर बोलते हुए गृहमंत्री ने कहा कि, जब से मैंने कार्यभार संभाला है, संघर्ष विराम का उल्लंघन जारी है। मैंने सीमा पर तैनात अपनी बीएसएफ से कहा कि गोली चलाने की पहल मत करना, लेकिन वो संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हैं तो फिर गोलियों की गिनती मत करना और इसका नतीजा भी आया है।
उन्होंने आगे कहा, अतंरराष्ट्रीय समुदाय इसे कंट्रोल नहीं कर पा रहा है। हमें हमारे पड़ोसी देशों की वजह से ज्यादा समस्या हो रही है। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की बातचीत रद्द होने को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए आज कहा कि यह वार्ता भारत ने नहीं, बल्कि पाकिस्तान ने खुद एजेंडे से भटकते हुए निरस्त की है। राजनाथ ने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र लखनऊ के तीन दिवसीय दौरे के अंतिम दिन एक कार्यक्रम में कहा, पाकिस्तान के साथ बातचीत का प्रस्ताव रद्द होना दुर्भाग्यपूर्ण है। हम पड़ोसियों के साथ अच्छे सम्बन्ध रखना चाहते हैं। यह वार्ता पाकिस्तान ने रद्द की है। हम तो वार्ता करना चाहते थे।
उन्होंने कहा, भारत और पाकिस्तान के बीच प्रस्तावित वार्ता उफा में हुई दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की बातचीत के आधार पर होनी थी। पाकिस्तान को उफा में तय एजेंडा से भटकना नहीं चाहिए था। उसने खुद ही एजेंडे से भटक कर वार्ता रद्द की। आगे भी हमारी पाकिस्तान से सौहार्दपूर्ण सम्बन्धों की कोशिश रहेगी। यह पूछे जाने पर कि पाकिस्तान कश्मीर को एजेंडा में शामिल करना चाहता है, गृहमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच बातचीत तो उफा में तय एजेंडा के आधार पर ही होगी। कश्मीर किसी एजेंडा में शामिल नहीं है। अगर उसे इस मुद्दे पर बात करनी ही थी तो यह पहले ही क्यों नहीं तय कर लिया. यह मुद्दा तो कभी था ही नहीं। पाकिस्तान द्वारा हुर्रियत से बातचीत करने को अपनी पुरानी परिपाटी बताये जाने पर राजनाथ ने कहा, उफा में एजेंडा तय हो गया था कि भारत पाकिस्तान के बीच ही बातचीत होगी, कोई तीसरा पक्ष नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जहां तक भारत की मंशा का सवाल है तो यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि भारत बराबर चाहता है कि हमारे पडोसियों से रिश्ते मधुर हों। भविष्य में पाकिस्तान से बातचीत की सम्भावना के बारे में पूछे जाने पर गृहमंत्री ने कहा यह तो पाकिस्तान से पूछिये।