
दिव्यांगजनों द्वारा राष्ट्रगान को सम्मान देने संबंधी दिशा-निर्देश जारी
नई दिल्ली (हि.स.)। उच्चतम न्यायालय के सिनेमाघरों में राष्ट्रगान संबंधित आदेश के दो महीने बाद...
नई दिल्ली (हि.स.)। उच्चतम न्यायालय के सिनेमाघरों में राष्ट्रगान संबंधित आदेश के दो महीने बाद केन्द्र सरकार ने राष्ट्रगान के दौरान दिव्यांग कैसे राष्ट्रगान के प्रति सम्मान जाहिर करें इस बारे में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन दिशा-निर्देशों के मुताबिक राष्ट्रगान के दौरान दिव्यांगों के लिए खड़ा होना अनिवार्य नहीं है और न ही दिव्यांगों को इसके लिए बाध्य किया जाना है।
पर्सन विद डिसएबिलिटी एक्ट 1995 के मुताबिक दिव्यांगजनों की श्रेणी में आने वाले लोगों के लिए राष्ट्रगान के दौरान खड़ा होना अनिवार्य नहीं है| लेकिन यह जरूरी है कि वे अन्य नियमों का पूरा पालन करते हुए राष्ट्रगान के प्रति सम्मान जाहिर करें। इन दिशा निर्देशों के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति व्हील चेयर का प्रयोग करता है और खड़ा नहीं हो सकता तो उसे अपनी व्हील चेयर एक जगह पर स्थिर रखनी होगी। इसके साथ ही शरीर के अन्य भागों को भी स्थिर रखना होगा। ऐसे में अगर किसी के साथ कोई सहायक है तो उसे खड़ा होना होगा।
मानसिक रोगियों को राष्ट्रगान के दौरान नियमों के पालन में छूट दी जानी चाहिए, क्योंकि मानसिक रोगियों को समझने में समस्या आ सकती है। वहीं अंधे और आंशिक रुप से दृष्टिबाधित दिव्यांगों को भी राष्ट्रगान पर खड़ा होना चाहिए। ऐसे में इन पर किसी भी तरह की ज्यादती नहीं होनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि नवम्बर माह में उच्चतम न्यायालय ने आदेश जारी कर सभी सिनेमाघरों में फिल्म से पहले राष्ट्रगान चलाना अनिवार्य कर दिया था। न्यायालय ने कहा है कि सिनेमा हाल में राष्ट्रगान के समय सभी दर्शकों को उसके सम्मान में खड़ा होना होगा और जब राष्ट्रगान बजाया जा रहा हो उस समय पर्दे पर राष्ट्रध्वज दिखाया जाना चाहिए।