
दलित-आदिवासियों की आवाज दबाने की कोशिश : डा.अजय
रांची, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता तथा झारखंड प्रदेश कांग्रेस के को-आर्डिनेशन कमेटी के सदस्य...
रांची, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता तथा झारखंड प्रदेश कांग्रेस के को-आर्डिनेशन कमेटी के सदस्य डा.अजय कुमार ने कहा कि मोदी सरकार में पिछले माह से आदिवासियों-दलितों की आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है। डा.कुमार आज संवाददाताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछले माह में छत्तीसगढ़ में 40 आदिवासियों महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया गया। अभी हाल ही में वहां 15 आदिवासी महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया गया जिनमे एक 14 साल की लड़की थी। लेकिन छत्तीसगढ़ की रमन सिंह सरकार ने प्राथमिकी तक दर्ज नहीं की। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच जब कांग्रेस की जांज कमेटी ने की तो पता चला कि दुष्कर्म में शामिल सभी लोग पुलिस के थे। इसलिए उनपर कार्रवाई नहीं की गयी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार तथा पुलिस प्रशासन ने मीना खलखो नाम की एक युवती को मार गिराया। बताया गया कि युवती नक्सली गतिविधियों में शामिल थी। बाद में जांच में पता चला कि युवती का नक्सली गतिविधियों से किसी तरह का संबंध नहीं था। उन्होंने कहा कि अब सिर्फ आदिवासियों की जमीन ही नहीं लुटी जा रही बल्कि उनकी हत्या भी की जा रही है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में पिछले छह माह में 370 लोगों को माओवादी के नाम पर आत्मसमर्पण कराया गया। इनमे से 170 पर कोई मामला भी दर्ज नहीं है। यह फरजी आत्मसमर्पण का मामला है। इन मामलों को उजागर करने की कोशिश जिस पत्रकार ने की, उसे तीन दिन थाने में बंद रखा गया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत टायलट निर्माण में अबतक एक फीसदी से भी कम का लक्ष्य हासिल किया है। स्मार्ट सिटी में झारखंड का एक भी शहर शामिल नहीं है। मोदी सरकार ने स्मार्ट सिटी के लिए सात हजार सोलह करोड़ रुपये आवंटित करने की बात कही थी, लेकिन मात्र नौ सौ करोड़ रुपये का आवंटन किया गया। वही मोदी सरकार ने जनधन योजना के तहत बीस करोड़ खाते खोलने की बात कही है जबकि 80 फीसदी खाते जिरो बेलेंस में है। डा.कुमार ने खूंटी में 500 लोगों के आत्मसमर्पण के मामले की सीबीआआई जांच कराने तथा मामले के खुलासे की मांग रघुवर सरकार से की है।