
दंतकांति समेत 'बाबा' के तीन उत्पादों पर उठाई उंगली
| | 2016-09-21T12:05:16+05:30
नयी दिल्ली :- एडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया (एएससीआई) और पतंजलि के झगड़े में जहां...
नयी दिल्ली :- एडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया (एएससीआई) और पतंजलि के झगड़े में जहां पतंजलि एएससीआई को कोर्ट तक घसीट ले गया है। वहीं एएससीआई ने अपनी ताजा रिपोर्ट में फिर से पतंजलि के दो और विज्ञापनों को भ्रामक बताया है।
एएससीआई की इस रिपोर्ट में कुल 159 शिकायतों में से 98 को सही पाया गया है और शिक्षा से लेकर ई-कॉमर्स तक इन सभी विज्ञापनों को रोकने को कहा है। एएससीआई ने बाबा रामदेव के पतंजलि फ्रूट जूस और पतंजलि एनर्जी बार के विज्ञापन को भ्रामक बताया है। इससे पहले एएससीआई ने पतंजलि शहद के विज्ञापन पर भी रोक लगायी थी।
विज्ञापनों पर नजर रखने वाली संस्था एएससीआई की कंज्यूमर कंप्लेंट काउंसिल (सीआईसी) ने माना है कि पतंजलि का दंतकांति टूथपेस्ट, पतंजलि जूस और अमूल एपिक चोको आइसक्रीम सहित 98 उत्पाद ग्राहकों को भ्रमित करते हैं। सीआईसी ने इस साल जून में इन 98 उत्पादों के खिलाफ मिली शिकायतों को सही पाया है। 98 में से 39 उत्पाद शिक्षा, 25 स्वास्थ्य व पर्सनल केयर, 11 फूड एंड बेवरेज और छह ई-कॉमर्स से जुड़े हुए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार पतंजलि के जूस के विज्ञापन में बताया जाता है कि वे पहले से मौजूद ब्रांड्स की तुलना में ज्यादा फ्रूट पल्प देते हैं, जो कि अप्रमाणित है। वहीं एनर्जी बार के विज्ञापन में कहा जाता है चॉकलेट स्वास्थ्य के लिए बुरी होती है। ऐसा अभी प्रमाणित नहीं हुआ है कि चॉकलेट खाने से नुकसान होता है। इसके अलावा अमूल के एपिक चोको आल्मंड के विज्ञापन को उसके कवर पर मिसलीड करने वाले चित्र दिखाने के लिए फटकारा गया है। इनके अलावा तुलसी ग्रीन टी, पेटीएम, उबर, नापतौल, पॉलिसी बाजार, आईबीबो, फ्लाइंग मशीन के विज्ञापनों को भी मिसलीडिंग पाया गया है।