
तनाव से बचने में ही सुरक्षा है
| | 2015-08-26T20:48:08+05:30
तनाव आज हर व्यक्ति की जिन्दगी का एक हिस्सा बनता जा रहा है। इसी तनाव के कारण व्यक्ति के शारीरिक व...
तनाव आज हर व्यक्ति की जिन्दगी का एक हिस्सा बनता जा रहा है। इसी तनाव के कारण व्यक्ति के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। लगाकार तनाव बने रहने के कारण व्यक्ति थका हुआ व बीमार महसूस करता है। उसका ध्यान किसी भी काम में नहीं लगता।
यही नहीं, तनाव के कारण उच्च रक्तचाप, हृदयाघात, नींद न आना, एलर्जी, बालों का झड़ना, पेप्टिक अल्सर आदि गंभीर रोग भी हो सकते हैं। तनाव के कारण व्यक्ति चिड़चिड़ा, गुस्सैल व कुंठित महसूस करता है इसलिए तनाव से छुटकारा पाना व्यक्ति के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य की जरूरत है।
) आशावादी बनिए और भविष्य में जीने की बजाय आज यानी वर्तमान को जीने की कोशिश कीजिए। भविष्य के चक्कर में वर्तमान में ही चिंताग्रस्त न हों।
) तनावपूर्ण स्थिति से बचने के लिए सबसे पहले अपने कार्यों को व्यवस्थित करें।
) नियमित व्यायाम करने से आपकी कार्यक्षमता में तो वृध्दि होती ही है, साथ ही तनाव भी कम होता है। स्वस्थ शरीर व मन तनावपूर्ण स्थिति का मुकाबला करने में सक्षम होता है इसलिए नियमित व्यायाम हो जीवन का अंग बना लें। कोई भी आसान व्यायाम जैसे पैदल चलना, रात को सैर करना, जागिंग आदि नियमित करें।प्रकृति के समीप जाकर व्यक्ति स्वयं को तनाव रहित महसूस करता है, इसलिए कुछ समय अपने पेड़ पौधों की देखभाल में बिताएं। इससे आपका मन प्रसन्न होगा। अगर व्यक्ति सही समय पर व संतुलित भोजन नहीं करता तो भी वह तनावग्रस्त रहता है। इसलिए संतुलित भोजन करें जिससे आपको सभी पोषक तत्वों की प्राप्ति हो सकें। अधिक वसायुक्त व मसालेदार भोजन करें। फलों व सब्जियों का सेवन अधिक करें। आज तनाव का सबसे बड़ा कारण है व्यक्ति की बढ़ती हुई आशाएं। व्यक्ति इन आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए न अपने स्वास्थ्य की परवाह करता है और न ही अपने परिवार की। वह अपनी क्षमता और योग्यता से अधिक कार्य करना चाहता है, क्योंकि आज के प्रतियोगितापूर्ण वातावरण में पीछे नहीं रहना चाहता बल्कि वह एकदम से ऊपर पहुंचना चाहता है। इस होड़ में वह रात-दिन काम में लगा रहता है और उसके पास अपने बारे में सोचने की फुर्सत भी नहीं होती। न वह समय पर भोजन करता है और न ही आराम। ऐसी तनावपूर्ण स्थिति से बचने के लिए सबसे आवश्यक है अपनी क्षमता और योग्यता देखते हुए काम करना। व्यक्ति को क्या चाहिए, उसे अपने दिमाग में यह साफ कर लेना चाहिए और उसे पाने के प्रयत्न करने चाहिए और पाकर संतुष्ट भी होना चाहिए। यदि वह उसे न पा सके तो ऐसी स्थिति में भी संतुष्ट रहना सीखना चाहिए। हंसना हर रोग की सबसे बड़ी दवा है, इसलिए जब भी हंसने का मौका मिले, दिल खोलकर हंसें। जब हम हंसते हैं तो हम अपनी सब चिंताओं को भूल जाते हैं और मुक्त व तनावरहित महसूस करते है। तनाव से बचने के लिए सबसे आवश्यक है पूरी नींद लेना। अनिद्रा कई गंभीर रोगों की संभावना को बढ़ाती है इसलिए कितनी भी परेशानियां क्यों न हों, अच्छी नींद लेने का प्रयत्न करें। चाय, कॉफी, अल्कोहल, तम्बाकू, सिगरेट का सेवन नींद में बाधा डालता है इसलिए इनका सेवन न करें। तनाव से मुक्ति पाने के लिए आप ध्यान का सहारा भी ले सकते हैं। इससे मन शांत रहता है। कहा जाता है कि व्यक्ति अगर किसी कार्य को करने का दृढ़ निश्चय कर लेता है तो समझिए उसका आधा कार्य पूर्ण हो गया। इसी तरह अपनी चिंताओं को एक कागज में लिखिए। आप पायेंगे कि लिखते-लिखते आपकी आधी चिंताएं को खत्म ही हो गयी। स्वयं को तनावपूर्ण स्थिति से निकालने के लिए आप रचनात्मक कार्य का सहारा लीजिए जैसे पेंटिंग करना या समाज सेवा करना जिसके करने से आपको मजा आए और आपका मन भी शांत रहे।