
झारखंड में विपक्ष के तेवर ढीले-ढाले
| | 2015-06-07T14:50:22+05:30
रांची, झारखंड में विपक्ष अब बदहवास नजर आ रहा है। सिर्फ प्रदेश कांग्रेस अपने गांव-गांव, पांव-पांव...
रांची, झारखंड में विपक्ष अब बदहवास नजर आ रहा है। सिर्फ प्रदेश कांग्रेस अपने गांव-गांव, पांव-पांव कार्यक्रम से प्रदेश में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही है। इसके अलावा झामुमो और झाविमो भी बीच-बीच में कार्यक्रम आयोजित कर अपनी मौजूदगी का एहसास करा रहे हैं। इनके अलावा राज्य में कई राजनीतिक दल अपने अस्तित्व के लिए जूझते नजर आ रहे हैं। नेताओं की निष्क्रियता के कारण कार्यकर्ता भी उदासीन नजर आ रहे हैं। ऐसे में कई कार्यकर्ता दूसरे दलों में अपना ठिकाना तलाशने में भी जुटे हैं।
सबसे दयनीय स्थिति राजद और जदयू की नजर आ रही है। बिहार में होने वाले चुनाव को लेकर राजद और जदयू के बीच विलय का मुद्दा खटाई में पड़ता नजर आ रहा है। उल्लेखनीय है कि इन दोनों दलों के सुप्रीमो लालू और नीतिश के बीच बिहार में सीट बंटवारे के बीच खींचतान जारी है। ऐसे में झारखंड के नेता परेशान हैं। क्योंकि इन दोनों दलो का चक्का बिहार के नेताओं के इशारे पर ही घूमता है।
झारखंड में भाजपा की सरकार बने छह महीने होने को है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में दोनों ही दलों को गहरा अघात लगा है। सदमे से उबरने के लिए जरुरी है कि राजद और जदयू के कार्यकर्ता झारखंड में अपनी गतिविधियां बढ़ाये इसके लिए उनकी निगाहें लालू और नीतीश पर टिकी है। लेकिन दोनों ही नेता बिहार में अपना गढ़ बचाने में लगे है। ऐसे में दोनों दलों के नेता और कार्यकर्ता दिशाविहिन नजर आ रहे हैं।