
चौथी बार स्वर्ण से चूकी दीपिका
मैक्सिको सिटी, देश की शीर्ष तीरंदाज दीपिका कुमारी को कोरिया की चोई मिसुन के हाथों फाइनल में शिकस्त...
मैक्सिको सिटी, देश की शीर्ष तीरंदाज दीपिका कुमारी को कोरिया की चोई मिसुन के हाथों फाइनल में शिकस्त खाकर यहां तीरंदाजी विश्वकप फाइनल में रजत पदक से संतोष करना पड़ा। यह दीपिका का पांच वर्षों में चौथा रजत पदक है और इसी के साथ विश्वकप टूर्नामेंट में भारत को दो रजत पदक हासिल हुये। विश्वकप टूर्नामेंट में अपने पांचवें प्रयास में पहली बार स्वर्ण पदक पर निगाहें लगाए भारतीय खिलाड़ी ने सत्र के आखिरी टूर्नामेंट में अच्छी शुरुआत करते हुये क्वार्टरफाइनल और सेमीफाइनल में आसान जीत दर्ज की, लेकिन फाइनल में कोरियाई खिलाड़ी और टाप सीड मिसुन के हाथों 2-6 से स्वर्ण गंवाना पड़ गया। दीपिका से पहले अभिषेक वर्मा ने कम्पांउड वर्ग में भारत के लिये रजत पदक जीता था। पहले सेट में दीपिका और मिसुन को 29-29 निशाने साधने पर अंक बांटने पड़े। लेकिन फिर 19 वर्षीय कोरियाई खिलाड़ी ने अगले सेट में दीपिका से दो और सटीक निशाने साधते हुये 29 निशानों के सेट में 5-1 की बढ़त बना ली। आखिरी में भारतीय और कोरियाई तीरंदाजों ने फिर से 28-28 निशाने लगाए और दोनों को दोबारा अंक बांटने पड़े। लेकिन शुरुआती बढ़त से मिसुन ने स्वर्ण कब्जा लिया। दीपिका ने रजत जीतने के बाद कहा काश मेरे पास स्वर्ण होता। यह एक ऐसी चीज है जिसे मैं हासिल करना चाहती हूं, लेकिन वह मुझे मिल नहीं रही है। दीपिका ने किसी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में केवल दो बार स्वर्ण पदक जीते हैं। उन्होंने वर्ष 2010 में और दो वर्ष बाद अटलांटा में हुये तीरंदाजी विश्वकप में स्वर्ण जीते थे। यह दीपिका का चौथा विश्वकप रजत पदक है। वह वर्ष 2011 में इस्तांबुल में, 2012 में टोक्यो में और वर्ष 2013 में पेरिस में उपविजेता रह चुकी हैं। उन्होंने कहा मेरा तीर ऊपर था और मैं उस पर ठीक से निशाना साधने का प्रयास करती रही, लेकिन तीर निशाने पर नहीं लगा। छठी सीड दीपिका ने क्वार्टरफाइनल में तीसरी सीड कोरिया की कावानाका काओरी को 6-4 से हराया था जबकि सेमीफाइनल में उन्होंने ली चिएन यिंग को हराया।