
गलत सूचना दी तो पेंशनधारियों पर कार्रवाई
नयी दिल्ली, सेवानिवृति के दो वर्ष के भीतर किसी एनजीओ या निजी फर्म में शामिल होने की अनुमति मांगने...
नयी दिल्ली, सेवानिवृति के दो वर्ष के भीतर किसी एनजीओ या निजी फर्म में शामिल होने की अनुमति मांगने के दौरान सरकार को गलत सूचना देने वाले पेंशनधारियों को आपराधिक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। यह स्पष्ट करते हुए कार्मिक मंत्रालय ने वर्तमान नियमों में संशोधन किया है और पेंशनधारियों के लिये यह घोषित करना अनिवार्य कर दिया कि जिस एनजीओ और कंपनी से वे जुड़ना चाहते हैं, वे किसी ऐसी गतिविधियों में शामिल नहीं हैं जो भारत के विदेश संबंधों, राष्ट्रीय सुरक्षा और घरेलू सौहार्द के लिये नुकसानदेह या टकराव पैदा करने वाली हो। नये नियमों में कहा गया है कि उन्हें यह घोषित करने की जरूरत है कि पिछले तीन वर्षों की सेवाओं के दौरान उन्हें संवेदनशील या सामरिक महत्व की ऐसी सूचनाओं की जानकारी नहीं थी जो सीधे तौर पर संगठन के रुचि या कार्य के क्षेत्र से जुड़ी हों। यह पहल ऐसे समय में महत्वपूर्ण मानी जा रही है जब सरकार ने विदेशी अनुदान का कथित तौर पर राष्ट्र विरोधी कार्यो के लिये उपयोग करने को लेकर कई गैर सरकारी संगठनों पर कार्रवाई की है। इसके अलावा बदले नियमों के तहत उन्हें उस कंपनी का पूरा ब्यौरा देना होगा जिससे वे जुड़ना चाहते हैं जिसमें पैन या टैक्स आईडेंटिफिकेशन नंबर, पता और कार्य की प्रकृति आदि शामिल है।