
खादी अर्थात् समस्या का समाधान : जयनन्दू
[caption id='attachment_295951' align='aligncenter' width='580'] प्रेस कांफ्रेंस में जानकारी देते...
[caption id="attachment_295951" align="aligncenter" width="580"] प्रेस कांफ्रेंस में जानकारी देते जयनन्दू। [/caption]
रांची, खादी से जुड़िये और हर समस्या का समाधान पाइये। चरखा चलाना भी योग है। जो चरखा चलाते हैं, वह देश की आर्थिक सम्प्रभुता की रक्षा करते हैं। वे खुद को आत्मनिर्भर बनाते ही हैं, अपने गांवों को भी आत्मनिर्भर बनाते हैं। आज यहां ढेकी का जो प्रदर्शन किया जा रहा है, उस ढेकी की अपनी विशेषता है। ढेकी से जो चावल तैयार होता है, उस चावल को खाने से बहुत सारी बीमारियां नहीं होती। खादी का जो लोग प्रयोग करते है, वे मधुमेह जैसी बीमारियों से भी खुद को मुक्त करते हैं, क्योंकि खादी से जुड़ने का मतलब गांव से जुड़ना और जो हमारे गांव की परंपरा रही है, उस विरासत को हम स्वीकार कर, अगर चलना शुरु कर दें, तो फिर कहीं समस्या ही नहीं रहेगी। उक्त बातें आज खादी मेले में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में झारखण्ड राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष जयनन्दू ने कही।
जयनन्दू ने कहा कि खादी, गांधी और विनोबा की अंतरात्मा की आवाज है। जो खादी अपनाते हैं, वे गांधी और विनोबा के सपनों को साकार करते हैं। खादी भारत की आत्मा है, एक खादी के वस्त्र खरीदने का मतलब भारत को आर्थिक रुप से मजबूत करना है, अगर हम इस भाव से खादी को अपनाते हैं, तो देश को आर्थिक रुप से मजबूत करने की हमारी ओर से ईमानदार कोशिश कहलायेगी। उन्होंने कहा कि खादी मेले का समापन 17 फरवरी को होगा, जिसमें झारखण्ड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू प्रमुख रुप से भाग लेंगी। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि इतने कम दिनों में अब तक खादी मेले में 5 करोड़ से ज्यादा का व्यवसाय हो चुका। शनिवार को हर स्टाल पर पच्चीस से तीस हजार रुपये तक बिक्री हुई, जबकि एक स्टाल पर ये बिक्री ढाई लाख तक पहुंच गयी। जयनन्दू ने कहा कि अगर इसी प्रकार से खादी मेला चलता रहा तो ये रिकार्ड भी आजकल में टूट जायेगी। उन्होंने बताया कि अभी तक दो लाख से भी अधिक लोगों ने खादी मेले का आनन्द लिया है।
कला संस्कृति विभाग के निदेशक अनिल कुमार ने बताया कि कला संस्कृति विभाग द्वारा लगायी गयी कला प्रदर्शनी भी खादी मेले में आये आगंतुकों के लिए आकर्षण का केन्द्र रही है। ये कला, प्रदर्शनी झारखण्ड के कलाकारों द्वारा ही प्रदर्शित है, जिसमें सिर्फ झारखण्ड के कलाकारों की कलाकृतियां ही प्रदर्शित है। उन्होंने यह भी बताया की, इस बार के खादी मेले में पूरे देश से 51 टीमें भाग ली, जिसमें 510 कलाकारों ने अपने कार्यक्रमों से लोगों का दिल जीता है।
उन्होंने बताया कि सोमवार को विश्वविख्यात कश्यपी वीणावादक चक्रपाणि सिंह का वीणावादन संध्या 6 बजे से प्रारंभ होगा। साथ ही उत्तर प्रदेश मउ से आये कलाकार कैलाश यादव द्वारा भोजपुरी लोकगीत, ओड़िशा से आये कलाकारों द्वारा गुटीपुआ नृत्य, छत्तीसगढ़ और असम से आये कलाकारों द्वारा भी गीत-संगीत प्रस्तुत किया जायेगा। इस संवाददाता सम्मलेन में सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग की उप- निदेशक शालिनी वर्मा भी उपस्थित थीं।