
कुल राजस्व का 47 प्रतिशत ही खर्च कर सकी सरकार : प्रधान महालेखाकार
रांची, राज्य सरकार कुल राजस्व का मात्र 47 प्रतिशत ही खर्च कर सकी। वित्तीय वर्ष 2013-14 में...
रांची, राज्य सरकार कुल राजस्व का मात्र 47 प्रतिशत ही खर्च कर सकी। वित्तीय वर्ष 2013-14 में राजकोषीय घाटा 2254 करोड़ था, जो 2014-15 में बढ़कर 6564 करोड़ रुपये हो गया। 2014-15 के दौरान राज्य का सकल घरेलु उत्पाद 14.3 फीसदी रहा। जो कि 13वें वित्त आयोग द्वारा निर्धारित मानदंड 14.5 फीसदी से कम है। वित्तीय वर्ष 2014-15 के दौरान राज्य को कुल आमदनी का 53 फीसदी हिस्सा केन्द्रीय करों व अनुदान के रुप में मिला था। यह जानकारी प्रधान महालेखाकार एस. रमन ने बुधवार को दी। वह अपने कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा चिकित्सा, सघन नक्सल प्रभावित जिलों में चलायी गयी समेकित कार्य योजना, मध्याहन भोजन योजना, सेवा देने की गारंटी अधिनियम का कार्यान्वयन जैसे विषयों का आडिट किया गया है। उन्होंने कहा कि 11 परिवहन कार्यालयों में 26,121 वाहनों में से 5,374 वाहन स्वामियों द्वारा जून 2009 और जून 2015 के मध्य देय 26.51 करोड़ के कर एवं अर्थदंडों का न तो भुगतान किया गया और न ही विभाग द्वारा मांग की गयी। साथ ही परिवहन आयुक्त और परिवहन कार्यालयों द्वारा संग्रहित राजस्व को विलंब से सरकारी खाते में रखने पर देय 7.29 करोड़ का ब्याज जमा नहीं किया गया।
दंत चिकित्सा महाविद्यालय और अस्पताल भवन के निर्माण पर 9.54 करोड का व्यय हुआ। ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा अपूर्ण सड़कों पर 1.57 करोड़ का निष्फल व्यय किया गया। उन्होंने कहा कि बुंडू अनुमंडलीय अस्पताल निर्माण के धीमे कार्यान्वयन के परिणामस्वरुप लागत में 2.78 करोड़ रु. की वृध्दि के अलावे अपूर्ण कार्य पर 2.87 करोड़ का निष्फल व्यय हुआ। सेल फोन जैमर लगाने और इसे 3जी तकनीकी में उन्नयन करने के लिए पर्याप्त संविदा करने में गृह विभाग की विफलता के कारण 7.55 करोड़ रु. व्यय करने के बावजूद कैदियों की संचार व्यवस्था को अवरुध्द करने के विशिष्ट उद्देश्य को प्राप्त नहीं किया जा सका। रिम्स अधिनियम 2002 के प्रावधानों के अनुपालन के बिना आंतरिक प्राप्तियों से 8.21 करोड़ रु. का भुगतान किया गया। ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत संवेदक को 18.22 लाख रु. का अनुचित लाभ दिया गया। इसके अलावा अपूर्ण पुल पर 1.30 करोड़ का अपव्यय पाया गया। उन्होंने कहा कि निधि के उपयोग में कमी के कारण वर्ष 2013-15 के दौरान कुल 495.81 करोड़ का केंद्रीय आवंटन, भारत सरकार की ओर से राज्य को जारी नहीं किया गया। जिसके कारण राज्य सरकार कुल 495.81 करोड के केंद्रीय आवंटन से वंचित रह गया।