
कलाम को नम आंखों से दी गयी अंतिम विदाई
| | 2015-07-31T12:20:16+05:30
रामेश्वरम, देश ने आज अपने अनमोल रत्न पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को यहां भावनात्मक अंतिम...
रामेश्वरम, देश ने आज अपने अनमोल रत्न पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को यहां भावनात्मक अंतिम विदाई दी, जहां हजारों की संख्या में मौजूद लोग अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पा रहे थे। उनकी आंखों से आंसुओं की धार स्वत: ही उनके दुख को बयां कर रही थी। पूर्व राष्ट्रपति डॉ कलाम को पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनके गृह नगर में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। उनके पार्थिव शरीर को यहां पेईकारूंबू में करीब 1.5 एकड़ में फैले जमीन के टुकड़े के मध्य में दफनाया गया।
इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार वाली जगह ले जाया गया। यहां पर भी उनके लिये विशेष दुआ की गयी। अंतिम संस्कार वाली जगह पर जनता के राष्ट्रपति को अंतिम श्रध्दांजलि देने के लिये युवाओं से लेकर बुजुर्ग तक हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, कई केंद्रीय मंत्री और विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री भी डॉक्टर कलाम को श्रध्दांजलि देने रामेश्वरम पहुंचे थे। श्रध्दासुमन अर्पित करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डॉक्टर कलाम के सबसे बड़े भाई 99 साल के मोहम्मद मुत्तु मीरन लेब्बै मराइकर के पास पहुंचे और शोक व्यक्त किया। राजनीतिक दलों के नेता, पदाधिकारी और विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियों ने भी कलाम को श्रध्दासुमन अर्पित किये। इसके बाद 'भारत माता की जय' जैसे नारों के बीच पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक डॉक्टर कलाम को राजकीय सम्मान के साथ सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। डॉक्टर कलाम का जन्म रामेश्वरम में हुआ था और उनका बचपन भी इसी द्वीप पर बीता था। उन्हें दफन करने के लिए अलग से 1.5 एकड जमीन चुनी गयी है। यह जगह समुद्र तट से सिर्फ एक किलोमीटर दूर है।