
कर्मचारियों का हक देने से मना नहीं कर सकती सरकार
नयी दिल्ली, उच्चतम न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले मे कहा है कि अतिरिक्त आर्थिक बोझ का बहाना...
नयी दिल्ली, उच्चतम न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले मे कहा है कि अतिरिक्त आर्थिक बोझ का बहाना बनाकर नियोक्ता अपने कर्मचारियों का वाजिब हक देने से मना नहीं कर सकता। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय खंडपीठ ने कहा है कि बेदाग रहते हुए काम करने वाले कर्मचारी को पेंशन से महरूम नहीं किया जा सकता। न्यायालय ने यह टिप्पणी राजस्थान के करीब 250 सेवानिवृत्त कॉलेज शिक्षकों के हक में फैसला सुनाते हुए की। खंडपीठ की ओर से न्यायमूर्ति मिश्रा द्वारा लिखे गए इस फैसले में कहा गया है कि बेदाग रहते हुए अगर कोई व्यक्ति काम करता है तो उसे पेंशन से महरूम नहीं किया जा सकता। शीर्ष अदालत ने 23 पृष्ठों के अपने फैसले में कहा है कि नियोक्ता को अपने कर्मचारियों के प्रति सही रवैया अपनाना चाहिए, क्योंकि कर्मचारी को पेंशन देना उसके प्रति कोई एहसान नहीं है।