
एमपीडब्ल्यू के 2150 पदों का सृजन
रांची, झारखंड सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के मल्टीपरपस वर्कर (एमपीडब्ल्यू) के 2150 पदों के सृजन को...
रांची, झारखंड सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के मल्टीपरपस वर्कर (एमपीडब्ल्यू) के 2150 पदों के सृजन को मंजूरी दे दी। वहीं ऊर्जा विभाग को सहायता अनुदान के रूप में डेढ़ अरब की राशि देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। मंत्रिपरिषद की बैठक में कुल 21 प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी। मंत्रिपरिषद के फैसले के अनुसार पलामू के पाल्हेखुर्द मौजा मेंं स्थित कठौतिया कोल माइंस के 660 हेक्टेयर जमीन कोयला खनन के लिए हिंडाल्को को दी गई। वहीं हजारीबाग का टोकीसूद कोल ब्लॉक खनन के लिए एस्सार पावर को दिया गया। हजारीबाग सदर में मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए लोकनायक जयप्रकाश केंद्रीय कारागार की 25 एकड़ कैसरे हिन्द जमीन स्वास्थ्य विभाग को दे दी गयी। वहीं टोरी शिवपुर रेलवे लाइन के लिए 105 एकड़ गैर मजरुआ जमीन देने को भी मंजूरी मिली। यह जमीन लातेहार के बालूमाथ जिले के सेरेगदा और मनातू में है। मंत्रिपरिषद की बैठक में झारखंड प्रशासनिक सेवा संवर्ग के पदों को बढ़ाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। अब इस संवर्ग में विशेष सचिव के तीन पदों को बढ़कार 12 करने, अपर सचिव के पांच पदों को बढ़ाकर पंद्रह करने तथा संयुक्त सचिव स्तर के 60 पदों को बढ़ाकर 75 करने को भी मंजूरी दे दी गयी। नगड़ी में आईआईएम के लिए दी गयी 214 एकड़ जमीन में से 76 एकड़ जमीन राजस्व और भूमि सुधार विभाग को वापस कर दी गयी। वहीं कटहरगोंदा में उत्पाद और मद्य निषेध विभाग के भवन निर्माण के लिए 36 करोड़ 58 लाख रुपए की राशि मंजूरी की गई। मंत्रिपरिषद ने खान और भूतत्व विभाग के उस प्रस्ताव को भी मंजूरी दी जिसके तहत धनबाद के झरिया और बोकारो में कोल बेड मिथेन की माइनिंग ओएनजीसी करेगी। मंत्रिपरिषद की बैठक में स्पेशल ऑक्जिलीयरी फोर्स (सैप) के जवानों का एक साल के लिए अवधि विस्तार को भी मंजूरी दे दी गयी। वहीं स्वास्थ्य विभाग के अनुबंध पर कार्यरत पारा चिकित्सा कर्मियों को एक वर्ष का अवधि विस्तार दिया गया। स्वास्थ्य और चिकित्सा विभाग में संविदा पर नियुक्त कर्मियों की नियमित नियुक्ति नियमावली में आंशिक संशोधन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गयी। इसके तहत पहले यह नियुक्तियां जेएसएससी करती थी पर अब स्वास्थ्य विभाग की अध्यक्षता में गठित एक समिति करेगी। नगर विकास विभाग के मधुकम और रुगड़ीगढ़ा में बन रहे आवासों के लिए पुनरीक्षित बजट को भी मंजूरी दी गयी। रुगड़ीगढ़ा में बन रहे आवासों के लिए 17 करोड़ 69 लाख 21 हजार 500 रुपए तथा मधुकम में बन रहे आवासों के लिए 17 करोड़ 52 लाख 45 हजार की स्वीकृति दी गयी। असाध्य रोगों से पीड़ित लोगों के लिए चल रही योजना का नाम बदलकर मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना कर दिया गया है। इस योजना का लाभ सालाना 72 हजार तक कमानेवाले परिवार ले सकते हैं। इस योजना को और सरलीकृत किया गया है तथा इलाज के लिए स्वीकृत रोगों और अस्पतालों की सूची भी बढ़ा दी गयी है। पीटीपीएस की जमीन को एनटीपीसी को देने के बाद गठित कंपनी में झारखंड सरकार और एनटीपीसी की हिस्सेदारी क्रमशः 74 और 26 फीसदी करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गयी है। यह इक्विटी कैशलेस होगी।