
एनजेएसी मामले में सुप्रीम कोर्ट को दखल का अधिकार नहीं ः केंद्र
नयी दिल्ली, नेशनल ज्यूडिशल एकाउंटेबिलिटी कमेटी (एनजेएसी) मामले में केंद्र सरकार ने अपने फैसले का...
नयी दिल्ली, नेशनल ज्यूडिशल एकाउंटेबिलिटी कमेटी (एनजेएसी) मामले में केंद्र सरकार ने अपने फैसले का बचाव किया। पांच जजों की संविधान पीठ में सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि जजों की नियुक्ति के लिये संसद के विवेक का कोर्ट में पुनरीक्षण नहीं किया जा सकता, क्योंकि संसद सर्वोच्च है और उस पर सवाल नहीं उठाए जा सकते और न ही संसद किसी बात के लिए कोई कारण बताने के लिए बाध्य है। कोर्ट में केंद्र की ओर से कहा गया है कि एनजेएसी से किसी भी तरह न्यायपालिका के अधिकार में हस्तक्षेप नहीं हो रहा है। न्यायपालिका का अधिकार और स्वतंत्रता, जजों की नियुक्ति के बाद शुरू होता है। एनजेएसी में भी न्यायपालिका की सर्वोच्चता बनी रहेगी, क्योंकि यदि दो जजों ने किसी की नियुक्ति से इनकार किया तो नियुक्ति नहीं होगी। वैसे भी संविधान में कॉलिजियम व्यवस्था की अनुमति नहीं है। कोर्ट में केंद्र की ओर से दलील दी गई कि यदि कोई मॉडल संसद ने बनाया है तो सुप्रीम कोर्ट उस मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकता। 1993 में सुप्रीम कोर्ट का कॉलिजियम सिस्टम का फैसला पुरानी सरकार द्वारा बनाए गए हालात की वजह से आया था।