
इन्द्रधनुषी रंगों में सराबोर फिल्मी सितारे
| | 2016-03-20T12:43:56+05:30
भारत में मनाए जाने वाले अनन्य त्योहार व पर्दों में अपना एक विशिष्ट स्थान रखता है इन्द्रधनुषी रंगों...
भारत में मनाए जाने वाले अनन्य त्योहार व पर्दों में अपना एक विशिष्ट स्थान रखता है इन्द्रधनुषी रंगों की छटा संजोए होली पर्व। होली के दिन दिल खिल जाते हैं और रंगों में रंग मिल जाते हैं तो हर तरफ रंग बरसता नजर आता है। ऐसे में चुनरी भींगती है, अंगिया भीगती है और रंग रसिया भंग से तरंग में झूम जाते हैं पर यह जरूरी नहीं कि रंगों के तीर सबको अच्छे ही लगे। फिल्म इण्डस्ट्री में मादकता बिखरने वाले ये सितारे होली के बारे में क्या सोचते हैं व कैसे मनाते हैं, जानिए उनके रंग में :-
सच पूछिए तो मजे के लिए होली खेलती हूं किन्तु होली खेलते हुए डर लगता है क्योंकि इण्डस्ट्री के लोगों में अच्छा चाहने वाले कम बुरा चाहने वाले ज्यादा होते हैं। अगर आपके सितारे बुलंदी पर हैं तो बिना कारण जलने वाले पैदा हो जाते हैं। होली के बहाने अनुचित लाभ उठाने वालों की भी कमी नहीं है।
ऐसे लोग 'बुरा न मानो होली है' का नारा लगा कर मस्ती भी कर लेते हैं। कभी-कभी ऐसी हरकतें भी कर जाते हैं जिसे सहन करना कठिन हो जाता है। मैं होली पर अपने खास प्रेंड्स की किसी भी अच्छी बुरी हरकत का बुरा नहीं मानती किन्तु बेमतलब के लोग मेरे साथ शरारतें करे, मुझे गंवारा नहीं है। त्वचा को नुकसान पहुंचाने वाले रंगों से बचती हूं। मैं परफ्यूम का ही इस्तेमाल करती हूं।
घर में ही होली खेलना पसंद करती हूं- रिया सेन
होली के दिन मैं भी वही सब करती हूं जो दूसरे लोग करते हैं। हमारे यहां लोग भयानक किस्म का रंग खेलते हैं। सड़कों पर लड़कों की टीम होती है जो वहां से गुजरने वालों को पेंट और ग्रीस पोत कर कालिख से ऐसा पोत देते हैं कि पूछिए मत। वे लोग लड़कियों को भी नहीं छोड़ते, इसलिए मैं कहीं जाना पसंद नहीं करती। घर में रह कर होली खेलना पसंद करती हूं। मैं अपने दोस्तों के बीच रहकर उनकी आपसी मस्ती का आनंद लेती हूं और बेशक मैं भी रंगों से थोड़ा बहुत लाल-पीला मुंह पोत लेतू हूं।
मैं भांग नहीं पीती-दिव्या दत्ता
होली खेलने से मतलब अगर रंग खेलने से हैं तो मैं कहूंगी कि मैं डरते-डरते होली खेलती हूं। बचपन में खूब रंग खेला करती थी। फिल्मों में आने के बाद होली खेलना बंद हो गया है। बहुत कम होली खेलती हूं। मैं खासकर रंगों से सावधान रहती हूं। कभी-कभार होली के रोज ऐसे लोग मुझे रंगना चाहते हैं जिन्हें मैं मना ही नहीं कर सकती। उन्हें मैं गुलाल लगाने को कहती हूं। मैं भांग नहीं पीती। वैसे भांग पीना इस त्यौहार का एक खास आइटम समझा जाता है। मैंं यह बात अच्छी तरह जानती हूं कि शायद भांग पीने के पीछे यह तर्क हो कि आदमी सारे गम भूल कर होली के उल्लास में डूब जाये। भांग पीने का दिन होली है।
रंगों से सराबोर होने में मजा नहीं आता- रानी मुखर्जी
रंगीन उत्साह से भरा थोड़ा शरारती और बहुत सी खुशियों वाला त्योहार होली मैं बड़े जोशों-खरोश से मनीती हूं। मुझे रंगों से सराबोर होने में ज्यादा मजा नहीं आता है पर जब होली का त्योहार अपनी पूरी छटा में मन रहा हो तो मैं भी शामिल हो जाती हूं। रोक-टोक के धड़ाधड़ रंग मलना व छेड़छाड़ करना या छूना पसंद नहीं करती। जिसे मैं जानती नहीं, उस पर विश्वास कैसे किया जा सकता है। नशा करने वालों को मैं पसंद नहीं करती। अपने प्रशंसकों को बस इतना ही कहना चाहती हूं- हैप्पी कलरफुल होली।
होली खेलना चाहें तो आप भी आ जायें- मल्लिका शेरावत
मुझे होली का त्योहार पसंद हैं, होली तो खेलेंगे ही। मुझे होली के रंगों का पूरा-पूरा आनंद आता है। बचपन की होली शरारती हुआ करती थी। अब सैक्सी होली में मजा आता है। होली के बहाने लिपटना-चिपटना तो आम बात हो गयी है। मैं होली के रोज केवल गिने चुने साथियों के साथ ही होली खेलती हूं। सैक्सी कपड़े पहनती हूं। सब को घायल करने की क्षमता मुझ में हैं, इसलिए मैं उन लोगों को आमंत्रित करती हुं, जो मुझे होली का आनंद दे सकें। मुझे बड़ा मजा आता है होली के बहाने छेड़छाड़ का। मैं समझती हूं एक उम्र तक के लोगों को होली इसी तरह मनानी चाहिए। यदि आप होली खेलना चाहें तो आप भी आमंत्रित हैं पर आप आइयेगा पूरी तैयारी के साथ।
अब होली सादगी से मनाती हूं- डेजी शाह
मेरे लिए तो होली हमेशा ही रंग भरा त्योहार रहा है। बचपन से ही मैं आशिक मिजाज रही हूं, इसलिए मैं रंग भरे गुब्बारे लड़कों को मार कर अपनी ओर आकर्षित किया करती थी। एक दफा तो मैं अपने टीचर पर भी रंग भरा गुब्बारा मार दिया था क्योंकि वह मुझे काफी हैण्डसम नजर आ रहा था। मैं उसकी तरफ आकर्षित हो गई थी। जैसे-जैसे मैं जवान होती गई, मेरी शरारतें बढ़ने लगी। अब लड़के मुझे घूरने लगे थे। मैं गुब्बारे मारती तो वे मुझे बराबर जवाब देने लगे थे। एक दफा मैंने एक लड़के पर रंग भरा गुब्बारा मारा तो उसने मुझे उठा कर रंगों के टैंक में फेंक दिया। वह भी उसमें कूद गया था। वह होली मैं आज तक नहीं भूली हूं। सच बड़ा मजा आया था। अब मैं होली सादगी से मनाना पसंद करती हूं। फिर भी कभी-कभी शरारतें न चाहते हुए भी हो जाती है।
मैं पिचकारी का इंतजार करती थी ः बिपाशा बसु
मैं जब छोटी सी थी तो मुझे होली का त्योहार बहुत ज्यादा पसंद था। बचपन में सुबह उठकर रंग भरे गुब्बारे और पिचकारी का इंतजार करती और मम्मी से इजाजत मिलते ही बस रंगों के मेले में शामिल हो जाती थी। बचपन में काफी सहेलियां थी, अब उतनी नहीं है। फिल्मों में आने के बाद लोगों को कोई मौका नहीं देती। इस त्योहार पर मौका मिलते ही गलत छेड़छाड़ हो जाती है। फिल्मों भले ही मैं सेक्स सिंबल की छवि रखती हूं पर हकीकत में मैं एक घरेलू लड़की हूं। मैं नशा करने वालों को पास फटकने नहीं देती क्योंकि नशे में ही ऊल-जलूल हरकतें होती हैं। इसलिए मैं नशा करने से बचती हूं। होली सभी को शुभ हो।