
आदिवासी पर्यावरण के सबसे बड़े रक्षक ः पांडेय
रांची, रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग में आज विश्व आदिवासी दिवस की पूर्व...
रांची, रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग में आज विश्व आदिवासी दिवस की पूर्व संध्या पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष डा.के.सी.टुडू ने की एवं संचालन डा.त्रिवेणीनाथ साहू ने किया। इस अवसर पर रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डा. रमेश कुमार पांडेय ने कहा कि आदिवासी पर्यावरण के सबसे बड़े रक्षक हैं। वे प्रकृति के पुजारी भी हैं। इस कारण हम प्रकृति एवं पर्यावरण को बचाकर विश्व को बचा सकते हैं। प्रतिकुलपति डा.एम रजीउद्दीन ने कहा कि सभी को अपनी भाषा सीखनी चाहिए। अपनी भाषा नहीं सीख पायेंगे तो हम मिट जायेंगे। कुलसचिव डा.अमर कुमार चौधरी ने अपने संबोधन में आदिवासी समाज की सच्चाई को बताया और अपनी भाषा और संस्कृति पर गर्व करने के लिए लोगों प्रेरित किया। डा.करमा उरांव ने कहा कि विश्व की आदिवासी संस्कृति एक है। आज झारखंडी आदिवासियों व मूलवासियों को समाप्त करने की साजिश हो रही है। संगोष्ठी को अशाके कुमार बड़ाईक, हरि उरांव, उमेशनंद तिवारी आदि ने भी संबोधित किया।