
आज भी लोकप्रिय हैं राजा मेंहदी अली खां के सुरीले गीत
अशफाक कादरीहिंदी फिल्मों का यह कारवां सदाबहार फिल्मों और सुरीले गीतों के सहारे चल रहा है। गत 80...
अशफाक कादरी
हिंदी फिल्मों का यह कारवां सदाबहार फिल्मों और सुरीले गीतों के सहारे चल रहा है। गत 80 वर्षों में हजारों फिल्में प्रदर्शित हुई और डिब्बों के पाटों में कैद हो गयी मगर उनके गीतों को कोई डिब्बों में कैद नहीं कर पाया। वे गीत-जन-जन में लोकप्रिय होकर आज भी फिजाओं में तैर रहे हैं। ऐसे ही सुरीले गीतों के रचयिता राजा मेहंदी अली खां थे। गीतकार राजा मेहंदी अली खां के गीत जब सुनाई पड़ते हैं तो तपते रेगिस्तान में बारिश की सुहानी फुहार का अहसास होता है। राजा मेहंदी अली खां ने फिल्मों के लिए यद्यपि गीत कम लिखे मगर सभी सदाबहार साबित हुए। मदन मोहन के अधिकांश सुपरहिट गाने राजा मेहंदी अली खां की कलम से निकले हैं। फिल्मों में शायरी को सरल और सहज आम जबान में राजा मेहन्दी अली खां ने रचा है। उनके गीतों के मुखड़े सहज ही दिलों को छू जाते थे। उनके लिखे फिल्म 'अनपढ़ के' गीत 'आपकी नजरों ने समझा प्यार के काबिल मुझे' से प्रभावित होकर संगीतकार नौशाद ने मदन मोहन की प्रशंसा की। तब शायद उस संगीत के पीछे राजा मेहंदी अली खां के शब्दों का जादू बोल रहा था। यह गीत आज भी लोकप्रिय और सदाबहार है। राजा मेहंदी अली खां का जन्म 23 सितंबर 1915 को लाहौर में हुआ था। उनकी परवरिश और शिक्षा लाहौर में हुई। वहीं उनका काव्य पे्रम परवान चढ़ा। देश के बंटवारे के बाद वे मुंबई आए और काफी संघर्ष के बाद 1948 में फिल्मिस्तान में बतौर गीतकार अनुबंधित हो गए। उनकी पहली फिल्म 'शहीद' में मंे 'वतन के नौजवां शहीद हो' गीत सफल रहा। इसी गीत से पार्श्व गायक मोहम्मद रफी को पहचान मिली। 'दो भाई' के गीत 'याद करोगे हमको' से उन्हें लोकप्रियता मिली। उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। संगीतकार मदनमोहन के लिए राजा मेहंदी अली खां ने श्रेष्ठ गाने लिखे जो आज भी सदाबहार हैं। 'आपकी नजरांे ने समझा प्यार के काबिल' (अनपढ़) 'मेरा साया साथ होगा' (मेरा साया) लग जा गले फिर ये हंसी रात हो ना हो (वो कौन थी) तेरे बिना सावन कैसे बीता, जब छाये कभी सावन की घटा (जब याद किसी की आती है) तुम बिन जीवन कैसे बीता (अनिता) बहुत शुक्रिया बड़ी मेहरबानी (एक मुसाफिर एक हसीना), अगर मुझसे मुहब्बत है (आपकी परछाइयां) उनके सफलतम गीत हैं जिन्हंे राजा मेहंदी अली खां ने शब्दों से सजाया था।