
असहिष्णुता की बढ़ती घटनाओं पर आडवाणी ने जतायी चिंता
नयी दिल्ली, : पूर्व उप प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने...
नयी दिल्ली, : पूर्व उप प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने देश में असहिष्णुता की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए आज कहा कि यह लोकतंत्र के हित में नहीं है। श्री आडवाणी ने यहां चाणक्य सेंटर फॉर स्टैटजिक स्टडीज (सीसीएसएस) के पहले चाणक्य जरनल के विमोचन के अवसर पर कहा, हाल के दिनों में देश में असहिष्णुता की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। यह लोकतंत्र के खिलाफ है। उन्होंने अपने सहयोगी रहे सुधीन्द्र कुलकर्णी पर मुंबई में शिव सैनिकों द्वारा काली स्याही फेंके जाने की घटना की कड़ी निंदा की। पूर्व उप प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत पर अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद और साइबर आतंकवाद का खतरा मंडरा रहा है और इससे निपटने के लिए रणनीति बनाने की जरूरत है। मौजूदा सुरक्षा माहौल में भारत की मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। भारत की सुरक्षा को जमीन, समुद्र और आसमान से कई तरह के खतरे हैं। आजादी के बाद भारत पर पांच युध्द थोपे जा चुके हैं। भारत में अधिकांश उग्रवादियों को बाहर से मदद मिलती रही है। उन्होंने कहा कि आईएसआईएस जैसे आतंकवादी संगठनों के उभार और उनका अंतरराष्ट्रीय प्रभाव चिंता का विषय है। अंतरराष्ट्रीय और राज्य प्रायोजित आतंकवाद अक्सर चरमपंथी विचारधाराओं से प्रेरित होते हैं और उनकी पहुंच व्यापक विनाश वाले हथियारों तक होती है। यह अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा है।