
अमेरिका से 145 तोपें खरीदेगा भारत
| | 2016-02-17T09:37:42+05:30
नयी दिल्ली, भारत और अमेरिका में 700 मिलियन की डिफेंस डील होनी लगभग तय है जिसके तहत अमेरिका भारत को...
नयी दिल्ली, भारत और अमेरिका में 700 मिलियन की डिफेंस डील होनी लगभग तय है जिसके तहत अमेरिका भारत को 145 अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर तोपें बेचेगा। पेंटागन के सूत्रों के मुताबिक इस डील को सोमवार को फाइनल होना तय हो गया है। डील 700 मिलियन डॉलर से ज्यादा की होगी। दोनों देशों की सरकारों के बीच यह डील होगी एवं फाइनल कॉन्ट्रेक्ट 180 दिन के अंदर तैयार कर लिया जायेगा। पेंटागन ने हॉवित्जर तोपों से संबंधित डील का लेटर इंडियन डिफेंस मिनिस्ट्री को भेज दिया है। इन तोपों की पहली खेप भारत को सीधे तौर पर भेजी जायेगी। इसके बाद की तोपें तीन साल के अंदर भारत में ही तैयार की जाएंगी।
हॉवित्जर तोपें दूसरी तोपों के मुकाबले काफी हल्की हैं। इनको बनाने में काफी हद तक टाइटेनियम का इस्तेमाल किया गया है। यह 25 किलोमीटर दूर तक बिल्कुट सटीक तरीके से टारगेट हिट कर सकती हैं। चीन से निपटने में तो यह तोपें काफी कारगर साबित हो सकती हैं। भारत यह तोपें अपनी 17 माउंटेन कर्ॉप्स में तैनात कर सकता है।
1980 के बाद से इंडियन आर्मी की आर्टिलरी में कोई नयी तोप शामिल नहीं की गयी। बोफोर्स डील में हुए विवाद के बाद यह हालात बने। भारत बोफोर्स का अपग्रेडेड वर्जन धनुष नाम से भारत में तैयार कर रहा है। इसकी फाइनल ट्रायल चल रही है। 1260 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट में 114 का ट्रायल चल रहा है। जरूरत 414 तोपों की है। 500 करोड़ रुपये के सेल्फ प्रोपेल्ड गन का कॉन्ट्रेक्ट तैयार है। इसे एलएंडटी और सैमसंग टैकविन बनाएंगी। जून 2006 में हॉवित्जर का लाइट वर्जन खरीदने के लिए भारत-अमेरिका की बातचीत शुरू हुई थी। भारत इन्हें चीन बॉर्डर पर तैनात करना चाहता है। अगस्त 2013 में अमेरिका ने हॉवित्जर का नया वर्जन देने की पेशकश की, जिसकी कीमत 885 मिलियन डॉलर थी। इस मामले में दो साल तक बात आगे नहीं बढ़ी। मई 2015 में भारत ने अमेरिका से इन तोपों को देने की गुजारिश की और लेटर ऑफ रिक्वेस्ट अमेरिका को भेजा गया फिर यह डील दोबारा शुरू हुई। गौरतलब हो कि भारत सरकार अपनी आर्मी के लिए 2027 तक मॉर्डनाइजेशन प्रोग्राम चला रही है और इस पर एक लाख करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है।